पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय बांगड़ का बेटा लिंग परिवर्तन कर लड़की बन गया- इस मामले पे अनेक टिप्पणियां हो रही हैं : इस संदर्भ में #एलोन_मस्क के बेटे का भी लिंग परिवर्तन उल्लेखनीय है- सोलह साल की उम्र में मस्क के बेटे ने केमिकल कैस्ट्रेशन द्वारा ख़ुद को लड़की में तब्दील कर लिया था।
ये लड़के से लड़की और लड़की से लड़के बनने वाला कीटाणु वेस्ट के अनेक देशों में है- अमेरिका में तो ये खेल स्कूल में खूब खेला जा रहा है। लिबरल विचारधारा के अनुसार बच्चों को स्कूल में पढ़ाया जाना चाहिए कि उन्हें अपना लिंग निर्धारित करने का अधिकार है। इसके चलते अनेक बच्चे यहाँ अपना लिंग बदल रहे हैं- ट्रांस बन रहे हैं। घर-घर में पेरेंट्स अपने बच्चो को लेकर चिंतित हैं- कि उनके बालक ऐसा कुछ करने पर आमादा न हो जायें। विचित्र बात है कि इन सब में अभिभावक - माँ पिता की कोई रजामंदी भी नहीं ली जाएगी- माइनर को ये सब करने का अधिकार है।
कुछ दिन पहले जब ट्रम्प की जीत हुई थी- अमरीका के आईवी लीग स्कूल में स्टूडेंट्स को एक दिन की छुट्टी दी गई ताकि वो लोग इस शॉक से उबर सकें। यही नहीं उन्हें तमाम प्रोफेसर ने ईमेल लिख सांत्वना दी- तरीक़े बताए जिन से वो अपना मानसिक संतुलन बरक़रार रख सकें। उन्हें क्रेयॉन आदि दिए गए ताकि वो ड्राइंग बना अपनी भड़ास निकाल सकें। ये हालत है अमेरिका के टॉप कॉलेज की।
ट्रम्प ने हाल में शिक्षा विभाग का नया निदेशक बनाया है- स्ट्रिक्ट गाइडलाइंस है कि शिक्षा को खास तौर से स्कूल में वापस पुराने अमरीकी तरीके से लागू करवाया जाये। स्कूल में बच्चे पढ़ने जाते हैं नाकि अपना लिंग बदलने। ये सब कचरा स्कूल से निकालना अत्यंत आवश्यक है। बिगुल बज चुका है- अब लड़ाई और कर्री होने वाली है।
ये इधर के राइट विंग का उत्तर था - शिक्षा विभाग में- पहले दिन से ही पूर्व- अपना इरादा जता दिया- कदम भी उठा लिए। सुधार कर भी देंगे।
अब इस बात को #भारत_के_संदर्भ_में_समझें।
साढ़े दस साल से सत्ताधीन दल शिक्षा को हाथ भी नहीं लगा पाया- क्या पढ़ाया जाना चाहिए क्या नहीं- वो भी नहीं बदल पाया। जेएनयू की ढपलियों से ही पार नहीं हो पाया। क्यों- सत्ता के इतने साल काफ़ी नहीं थे इस विषय में कुछ ठोस कदम उठाने को?
"सरकार हमारी है किंतु सिस्टम उनका है" - ये जुमला सुन सुनकर सत्ता का तीसरा टर्म आ पहुँचा है- कब तक सिस्टम उनका रहेगा? सिस्टम कब आपके अंडर आयेगा- जब आप सत्ता से बाहर होंगे ?
जनाब - सख्त कदम लेने के लिए सख्त इरादे चाहिए- शिक्षा विभाग को रीवैम्प करने की जरूरत सत्तर साल से है। आपने अनेक शानदार कार्य किए हैं- शिक्षा मंत्रालय पर भी ध्यान दीजिए। भविष्य में बहुत बड़ा अंतर पड़ेगा।