अभी जाकिर नाईक ने पाकिस्तान के एक व्यक्ति को पॉडकास्ट पर इंटरव्यू दिया है । आप लोगों ने देखा ही होगा इंटरव्यू लेने वाले नादिर अली ने जब जाकिर नाईक से पूछा कि क्या आप भारत को मिस करते हैं ? उसने जो जवाब दिया वो विचारणीय है
आप लोगों ने देखा ही होगा इंटरव्यू लेने वाले नादिर अली ने जब जाकिर नाईक से पूछा कि क्या आप भारत को मिस करते हैं ?
तो जाकिर नाईक ने बेशर्मी से कहा कि आफ़कोर्स करता हूं भारत को नहीं बल्कि मुंबई में उस बड़े से मैदान में लगने वाले अपनी सभा की सभा को मिस करता हूं, 10 लाख से ज्यादा लोग जुटते थे और हर रोज 100 से ज्यादा लोग मेरी दावत स्वीकार करते थे और धर्म परिवर्तन करते थे वहीं पास में मेरा ऑफिस था जहां हर रोज में सामूहिक रूप से 100 से ज्यादा लोगों को धर्म परिवर्तन करता था
मैं कितना शानदार काम किया हूं मैं इस शानदार काम को बहुत मिस करता हूं
और फिर उसने आगे कहा कि मुझे विश्वास है कि जब यह मोदी सरकार नहीं रहेगी आने वाली सरकार में मैं भारत जरूर जाऊंगा और फिर से मैं अपनी वह सभा लगाऊंगा और उसी पुण्य काम को दोबारा कर सकूंगा
सोचिए जाकिर नाईक खुलेआम टीवी चैनलों पर प्रसारण करते हुए सभा लगता था दूसरे धर्म की बुराई करता था अपने धर्म के हर चीज को अच्छा बताता था यहां तक की एक वीडियो क्लिप भी है जिसमें उसने तालिबान द्वारा बामियान में बौद्ध प्रतिमाओं को तोड़ने को जायज ठहराया है उसने ओसामा बिन लादेन के द्वारा वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले को जायज ठहराया है
मतलब कि वह हर उस काम को जायज ठहराया है जिसे हम और आप गलत समझते हैं
और भारत सरकार उस पर कभी कोई कार्रवाई नहीं की महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार यहां तक की जिस जगह पर जाकिर नाईक यह मजमा लगाता था वहां से मुश्किल से 20 किलोमीटर दूरी पर उद्धव ठाकरे का बंगला मातोश्री और शिवसेना का कार्यालय शिवसेना भवन है मगर फिर भी शिवसेना ने भी कभी इस पर आपत्ति नहीं किया
वह खुलेआम हर रोज सैकड़ो लोगो का धर्म परिवर्तन कराता रहा किसी सरकार ने किसी पार्टी ने कभी कोई आपत्ति नहीं की
इसके ऊपर पहले आपत्ति बीजेपी के नेताओं ने किया उसके बाद जाकर इस पर सवाल उठने लगे और फिर जब मोदी सरकार आई तब जाकर इसके ऊपर केस दर्ज हुए और उसके बाद यह भगोड़ा हो गया
और इतना बड़ा डरपोक निकाला कि अपने पिता के मरने पर भी नहीं आया और अब मलेशिया में बैठकर इंतजार कर रहा है की कब मोदी सरकार जाए और मैं दोबारा अपने उसी काम को फिर से कर सकूं