स्वस्ति श्री गणनायको गजमुखो मोरेश्वरः सिद्धिदः
बल्लाळस्तु विनायकस्त्वथ मढे चिंतामणिस्थेवरे ।
लेण्याद्रौ गिरिजात्मजः सुवरदो विघ्नेश्वरश्चौझरे
ग्रामे-रांजणसंस्थितो गणपतिर्कुर्यात् सदा मंगलम् ।।
अष्टविनायक महाराष्ट्र में स्थित आठ प्रसिद्ध गणेश मंदिरों का समूह है, जिन्हें अष्टविनायक के नाम से जाना जाता है।
ये मंदिर गणपति भक्तों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं और इनमें भगवान गणेश के आठ स्वरूपों की पूजा होती है।
यहाँ इन आठ मंदिरों और उनकी विशेषताओं का संक्षिप्त विवरण दिया गया है.
1. मयूरेश्वर (मोरेगाँव): यह अष्टविनायक का पहला मंदिर है।
यहाँ के गणेशजी को मयूरेश्वर या मोरया गणपति कहा जाता है।
यहाँ गणपति का वाहन मोर है, और मंदिर के परिसर में मोर की मूर्तियाँ हैं।
2. सिद्धिविनायक (सिद्धटेक): स्थान: सिद्धटेक, अहमदनगर
यह मंदिर भीमा नदी के तट पर स्थित है। यहाँ भगवान गणेश की मूर्ति के दाहिनी ओर सूंड है, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है। माना जाता है कि यहाँ पूजा करने से सिद्धि प्राप्त होती है।
3. चिंतामणि (थेवरे): इस मंदिर में भगवान गणेश को चिंतामणि कहा जाता है, जो भक्तों के सभी चिंताओं का निवारण करते हैं। यह मंदिर भीमा नदी के किनारे स्थित है।
4. महागणपति (रांजणगाँव): महागणपति को यहां रांजणगाँव में पूजा जाता है। यह मंदिर शिवाजी महाराज के किले के पास स्थित है और गणेशजी की विशाल मूर्ति यहाँ प्रतिष्ठित है।
5. विघ्नहर्ता (ओझर): विघ्नहर्ता का मंदिर विघ्नों को दूर करने वाला माना जाता है। इस मंदिर के गणपति को विघ्नेश्वर कहा जाता है, और यहाँ उनकी पूजा विघ्नों से मुक्ति के लिए की जाती है।
6. गिरिजात्मक (लेण्याद्री): यह मंदिर एक पहाड़ी की गुफा में स्थित है। गिरिजात्मक गणेश की पूजा माता पार्वती द्वारा यहाँ की गई थी।
यह एकमात्र अष्टविनायक मंदिर है जो पहाड़ के ऊपर स्थित है।
7. वरदविनायक (महड): वरदविनायक का मंदिर महड में स्थित है। यहाँ गणेशजी की मूर्ति जल से प्रकट हुई मानी जाती है।
यह मंदिर बहुत ही शांत और प्राकृतिक वातावरण में स्थित है।
8. बल्लालेश्वर (पाली): बल्लालेश्वर मंदिर पाली में स्थित है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि भगवान गणेश की मूर्ति एक छोटी बालक की तरह दिखती है और बल्लाल नामक भक्त ने यहाँ तपस्या की थी।
अष्टविनायक यात्रा की यह परंपरा महाराष्ट्र में गणपति भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती है।
इन मंदिरों की यात्रा करने से भक्तों को समृद्धि, शांति और गणेशजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।