बहुत प्यारी बच्ची ने बहुत ही सुंदर कविता सुनाई है। ये कविता वास्तव में कड़वा सच है... हर हिंदू इसे सुने , समझे और शेयर करे... इस बिटिया के लिए एक शेयर तो बनता है ना..?
हिंदू जब हक इस सहिष्णुता, सेकुलरियम, भाईचारे आदि के जंजाल से बाहर नहीं निकलेगा... अपने ग्रंथों से अपनी, परिवार की और धर्म की रक्षा के बारे में नहीं सीखेंगा, अपने वास्तविक शत्रुओं को नहीं पहचाने गए तब तक ऐसे ही कटता और लूटता रहेगा, अपनी बहन बेटियों को भेड़ियों द्वारा नोचता देखता रहेगा... जागो हिंदू जागो...