यह आँकड़ा सौ करोड़ के ऊपर जा चुका होगा इस कट्टर भ्रष्टाचारी पर प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो दोनों के मामले चल रहे हैं, हर न्यायालय में, कट्टर दारू दलाल रूपवान और कट्टर हवालाबाज़ जैन साहब, छोटा कार्यकर्ता विजय नायर और बाउंसर बिभव को संलग्न माना जाय
LG साहब आखिर कब तक हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे अगर इसे जल्द बर्खास्त नहीं किया गया तब यह दिल्ली के लोगों के टैक्स के पैसे यूं ही उड़ाता चला जायेगा । आखिर ये कैसा नियम कानून है देश में की जो भ्रष्टाचार करके देश को लूटे उसके लिए कानूनी लड़ाई भी जनता के टैक्स के पैसों से लड़ी जाएगी.?