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इसी मनोवैज्ञानिक हमले के तहत मुगल , वीर हिंदुओं को निर्बल बता देते थे या सिंहासन के प्रति ईमानदारी नही है कह देते थे और जब हिंदू सेनापति दवाब में आ जाता था तो फिर किसी शक्तिशाली हिंदू राजा को हराने का task देकर उस सेनापति को युद्ध में भेज दिया जाता।
दोनो तरफ से हिंदू लड़ते और हिंदू ही मरते थे, और मुगल लोग महल में बैठकर आराम से युद्ध देखते थे।
वीर हिंदू लोग मरकर मुगल नवाब के प्रति वफादारी सिद्ध करके जाते।
राहुल गांधी ने लोकसभा में हिंदू हिंसक है बोल दिया तो तुरंत लाखो पोस्ट आने लगी कि देखो अगर हम हिंसक होते तो ये करते वो करते, ऐसा हम नही करते इसलिए हम हिंसक नही है। साथ ही बकरा काट समुदाय की फोटो , वीडियो आदि दिखाकर हिंदू लोग ये समझाने कि कोशिश कर रहे है एक दूसरे को कि देखो हम हिंसक नही है, हिंसक कोई दूसरी कौम है।
राहुल ने केवल एक वाक्य बोलकर करोड़ों हिंदुओ को, यहा तक कि pm तक को defending mode में ला दिया
अर्थात
राहुल द्वारा किया गया मनोवैज्ञानिक हमला सफल हुआ और कायरो की तरह, दुम दबाकर, मिमियाते हुए हिंदू, खींसे निपोरते हुए हिंदू, खुद को आईने में देखकर, आश्वासन दे रहा है कि मैं हिंसक नही हु
अब कल जालीदार टोपी या मिशनरी या गो तस्कर, कोई भी, आपके गांव में, कालोनी में, सड़क चौराहे पर सिग्नल पर, यदि हंगामा करेगा, और आप उसको मुहतोड़ जवाब दोगे तो तुरंत अखबार छापेंगे, टीवी पर राहुल बोलेगा कि *
देखो, मैने कहा था न कि हिंदू हिंसक है
मोहनदास गांधी जब किसी की चलाई गोली से मरा था तो भारत के अंग्रेजी अखबारों ने छापा था hindu shot gandhi यानी हिंदू ने गांधी को मारा
जब 1984 के दंगे हुए तो अखबारों ने छापा कि सिक्ख हिंदू में लड़ाई हुई, हिंदुओ ने सिक्खों को मारा।
2004 के बाद चिदंबरम, दिग्विजय सिंह ने हिंदू आतंकवाद शब्द खोजा और ताज होटल हमले से ये शब्द सिद्ध करने की कोशिश भी की गई।
पहलाज खान गोहत्यारे को जब हिंदू रक्षक दल ने पीटा तो फिर हिंदू गुंडागर्दी सिद्ध करने की कोशिश की गई।
हिंदुओ
राहुल गांधी ने लोकसभा में हिंदू हिंसक है बोलकर पूरे देश के हिंदुओ को टारगेट पर लिया है ना कि केवल लोकसभा में बैठे भाजपा सांसदों को।
और
इसी नीति के तहत मोहनदास ने वीर हिंदुओ को अहिंसा दिखाकर, कायर बना दिया था
सावधान हिंदुओ
स्वयं को अहिंसक सिद्ध करके खास कौम का शिकार बनने के लिए तैयार रहो
या फिर
चाणक्य नीति पढ़कर शिवाजी महाराज को अपना पूर्वज मानो।
बाकी आगे इच्छा आपकी