नए विधान-नए प्रावधान लागू: पुलिस जांच में हर कदम पर वीडियो रकॉर्डिंग होगी
देश में अपराध और न्याय के लिए रविवार रात 12 बजे के बाद यानी एक जुलाई से नए कानून लागू हो गए। अब आपराधिक घटनाओं की प्राथमिकी नए कानून के अनुसार दर्ज होंगी। संगीन अपराधियों के लिए मुश्किलें बढ़ेगी। पीड़ित और गवाहों को धमकी या लालच देकर मामले को प्रभावित करना या कोर्ट से बाहर समझौता करना उनके लिए आसान नहीं रह जाएगा।
कानूनों के लागू होने से पहले गांव-गांव में मुनादी कराई गई है। मुनादी का वीडियो को पन्ना (मध्य प्रदेश) के डीएसपी संतोष पटेल ने सोशल मीडिया पर साझा किया है।
सरकार ने की जोरदार तैयारी, हर स्तर पर प्रशिक्षण
1.भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) होगी। आइपीसी में 511 धाराएं थी लेकिन भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं होंगी। धाराओं का क्रम बदला गया है।
2. सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) कहलाएगी। सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं। नए कानून में अब इसमें 531 धाराएं होंगी।
3. भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए), 2023 के नाम से जाना जाएगा। पुराने कानून में 167 प्रावधान थे। नए में 170 हो गए हैं। डिजिटल सबूतों का महत्त्व बढ़ाया गझा है।
4.वीडियो साक्ष्य हो बेहद जरूरी होंगे पुलिस अब तक घटनास्थल पर सबूत इकट्ठा करती थी। गवाह के बयान लिखती थी। अब सब वीडिय कैमरे की निगरानी में होगा। इससे अदालत में सबूतों को झुठलाया या इनमें हेरफेर नहीं जा सकेगा।
5.नए केस का ट्रायल नए कानून से
नए कानून के अनुसार जो मुकव दर्ज होंगे, उनका ट्रायल भी नए कानून से होगा। जो मुकदमे 30 जून की रात 12 बजे के पहले व होंगे। उनका ट्रायल पुराने कानून से ही होगा ।