मैं दीक्षा जाटव कट्टर नवबौध आंबेडकरवादी हूं, मै इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हूँ, साजिद को अच्छी तरह जानती हूँ, साजिद बहुत अच्छा लडका है। अनपढ गंवार लोग खासकर मनूवादी हिन्दू मुस्लिम कर के मेरे प्यार में दखल अंदाजी ना दें।
फिर क्या हुआ...??
निकाह के तीन महिनें बाद 12 टुकडों में मिली... क्योंकि साजिद इससे भी बड़ा इजिनियर था, पहले से शादीशुदा था
चाहे आप दलित हैं, आप सवर्ण हैं, आप जाट हैं, जाटव है , गुर्जर, राजपूत, ब्राह्मण हैं लेकिन आप काफिर हैं ये बात आप मानों या ना मानो लेकिन वो पूरी सिद्धत से मानते हैं और उसी अनुरूप अपना काम भी करते हैं
#JihadiCrimes #LoveJihad
ट्विटर पर वेरिफाइड हैंडल amitab चौधरी ने इसी कहानी को "भीम मीम ब्रदरहुड स्टोरी" की टैग लाइन के साथ ट्वीट किया