अयोध्या की ये स्थिति कभी भुलाई नहीं जा सकेगी के वहां से उसे जिताया गया जिनकी पार्टी ने राममंदिर के विरोध में कभी कारसेवकों का नरसंहार किया। विश्लेषण : अयोध्या के वोटर्स की ब्रॉड कैटेगरी देखें तो 1 जिन्हीने BJP को वोट दिया और 2 जिन्होंने BJP को वोट नहीं दिया । अब जिन्होंने बीजेपी को वोट नहीं दिया उसमें भी कोई खास दिक्कत नहीं है... लेकिन दिक्कत है की जिन्होंने BJP के विरोध में सपा को वोट दिया...थोड़ा और डिटेल में समझते हैं
BJP को वोट ना देने वालों में भी 2 कैटेगरी है,
1 जो शुरू से ही BJP के विरोधी है और
दूसरे जिन्होंने किसी बहकावे में आकर या BJP को सबक सिखाने के नाम पर BJP को वोट नहीं दिया।
अब BJP दूसरी कैटेगरी में भी 2 प्रकार हैं।
1 जिन्होंने बीजेपी को तो वोट नहीं दिया लेकिन किसी अन्य रामद्रोही को भी वोट नहीं दिया
दूसरे जिन्होंने BJP को सबक सिखाने के चक्कर में उस पार्टी को वोट दिया जिस पार्टी ने कभी एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए कारसेवकों का नरसंहार किया था, उनकी लाशों को बोरे में भरकर नदी में बहा दिया था... यही वो वोटर हैं जिन्हें आज रामभक्तों का रोता हुवा हृदय गालियां दे रहा है उन्हें बद्दूवाए दे रहा है।
यानी जो अयोध्यालों के लिए भला बुरा कहा जा रहा है वो केवल इसी अंतिम कैटेगरी के लिए है जिन्होंने अपने बाप से गुस्सा होकर अपने भाई के कातिल की गोद में बैठना स्वीकार किया... अब बताइए कहां गलत है वो लोग जिनका दिल रो रहा है क्योंकि अयोध्या से राम मंदिर बनाने वाले नहीं बल्कि रामसेवको करने वाले चुने गए
जस्टिफिकेशन देने बंद करें और अन्यथा लेना भी बंद करें.. दोगले गद्दारों को शुरू से गलियां पड़ती आई हैं, आज भी पड रही हैं और आगे भी पड़ेंगी... #रामसेवकों_के_हत्यारों_के_यार_गद्दार
रामजी तुम्हें कभी माफ नहीं करेंगे गद्दारों और रामजी माफ कर भी दें तो रामभक्त माफ नहीं करेंगे ... हनुमान गढ़ी में बैठे हनुमाना भी रामभक्त हैं... किया मुंह से जाओगे उनके दर्शन करने...