यह कश्मीर का रहने वाला अब्दुल राशिद है जो कि इंजीनियर राशिद के नाम से भी जाना जाता है !यह निर्दलीय चुनाव लड़ा और इसने बारामुला सीट से उमर अब्दुल्ला को 2 लाख वोटों के अंतर से हराया है !
हैरानी ये नही है कि ये 2 लाख वोटों से जीत गया है !हैरानी की बात ये है कि इसने ये चुनाव दिल्ली की तिहाड़ में बंद होते हुए लड़ा और जीता भी !
जी हाँ, सही पढ़ा आपने !
यह व्यक्ति इस वक़्त गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है ! इस पर आतंकियों के लिए फंडिंग जुटाने का आरोप है। राशिद को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद गिरफ्तार किया गया था !
सोचिए उनके लोग आतंक के आरोपों में बन्द व्यक्ति को भी सिर्फ इसलिए वोट डाल देते हैं क्योंकि वो उनके ‘मकसद’ के लिए काम करता है !
उनके यहाँ ऐसे सूतिये नही है जिनकी यह शिकायत हो कि ये हमारी जाति का नहीं है, बाहर का है, हमारे ₹&# सहलाने हमारे घर नहीं आया, तेल मालिश नही की !
उन्हें ना फ्री राशन चाहिए, ना बिजली, ना पानी और ना कोई सरकारी नौकरी, जबकि इन सब चीजों की सबसे ज़्यादा जरूरत उन्हें ही है !
उन्हें चाहिए तो बस अपना “मकसद” !
हम हिन्दुओं को उनसे बहुत कुछ सीखने की जरूरत है !