न्यूज पेपर कटिंग की हेडलाइन के क्या मायने हैं? आखिर किन परेशानियों की बात हो रही है? "कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना तो नहीं..!" अत्यंत गंभीर है ये हेडलाइन, बड़ी गंभीरता से लेने की जरूरत है, 👇पूरे संदेश को बड़े ध्यान से पढ़ें गंभीरता से समझें और भयानक आशंकाओं से सुरक्षित रहें।
ये बड़ी बात है... नतीजों के बाद सबकुछ इतना आसान ना होगा, हिंदुओं पर हमले और तेज हो सकते हैं, दंगा फसाद आदि होने की संभावना बढ़ेगी, कुछ दिन पहले भी "देश में आग लगने जा रही है" ऐसी बात कही थी, जरूरी है की हिंदू अपनी सुरक्षा पर गंभीरता से विचार करे क्योंकि हर जगह पुलिस, प्रशासन, सरकार नहीं बचा पाएगी। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ना जाने कौनसी परेशानियों की तरफ इशारा कर रहा है।
यदि स्थिति हिंदुओं के लिए बिगड़ने वाली है तो इसका आसान उपाय होगा की आज से ही हिंदू अपने आस पास के किसी भी मंदिर में सामूहिक मिलन प्रारंभ करे कम से कम साप्ताहिक और हनुमान चालीसा के साथ आपस में चर्चा करे तथा आत्मरक्षा पर गंभीरता से विचार करे... साथ ही अपने क्षेत्र के संगठनों से जुड़े और सुरक्षा प्रबंधों को ध्यान से समझे। ध्यान रहे हमारी सुरक्षा हमारा संवैधानिक अधिकार है और हमारा कर्तव्य भी है ये। ना जाने कौन क्या प्लानिंग कर रहा है लेकिन हमें भी कम से कम आत्मरक्षा , अपने परिवार की रक्षा के प्रबंध तो करने ही चाहिए...
समझो हिंदुओं गंभीरता से समझो इन उपायों और इनकी जरूरतों को! चुनाव नतीजों के बाद का समय क्या आसान होगा? जो हारेंगे क्या वो चुप बैठेंगे? जो जीतेगा क्या उसे काम करने दिया जाएगा क्योंकि इस बार मोदी कुछ बड़ा करेगा और ऐसे में देशद्रोही , जेहादी ताकतें अपनी जी जान लगा देंगे और हिंदुओं को हर बुरी शक्ति से खुदको अपने परिवार को और अपने देश को बचाने के लिए खुद तैयार होना होगा। ....