हनुमान जी को भगवान सदा अपने पास बैठाते हैं, क्योंकि हनुमान जी ने तीन काम किए..!!
माना जाता है कि जो जातक यह तीन कार्य कर लेता है, भगवान उसका साथ कभी नहीं छोड़ते, हमेशा उसपर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
*1. हनुमान जी ने नाम छोड़ा*
हनुमान जी ने अपना कोई नाम नहीं रखा। हनुमान जी के जितने भी नाम हैं, सभी उनके कार्यों के कारण पड़े हैं। एक दिन जब हनुमान जी से पूछा तो कि आपने अपना कोई नाम क्यों नहीं रखा तो हनुमान जी बोले,नाम तो दो ही सुंदर हैं राम और कृष्ण। विभीषण जी के पास जब हनुमान जी गए तो विभीषण जी बोले, आपने भगवान की इतनी सुंदर कथा सुनाई, आप अपना नाम तो बताइये।
हनुमान जी बोले...
प्रात लेई जो नाम हमारा
तेहि दिन ताहि न मिलै अहारा।
अर्थात प्रात: काल हमारा नाम जो लेता है, उस दिन उसे आहार तक नहीं मिलता। हनुमान जी ने नाम छोड़ा और हम नाम के पीछे ही मरे जाते हैं।
*2. हनुमान जी ने रूप छोड़ा*
हनुमान जी बंदर का रूप लेकर आये! हनुमान जी से किसी ने पूछा, आप रूप बिगाड़कर क्यों आये तो हनुमान जी बोले यदि मैं रूपवान हो गया तो भगवान पीछे रह जाएंगे।इस पर भगवान बोले, चिंता मत करो हनुमान मेरे नाम से ज्यादा तुम्हारा नाम होगा और ऐसा हुआ भी राम के दरबार में पहला दर्शन हनुमान का ही होता है।
*3. हनुमान जी ने यश छोड़ा*
एक बार भगवान वानरों के बीच में बैठे थे, सोचने लगे हनुमान तो अपने मुख से स्वयं कहेंगे नहीं, इसलिए हनुमान की बड़ाई करते हुए बोले, हनुमान तुमने इतना बड़ा सागर लांघा जिसे कोई नहीं लांघ सका।
हनुमान जी बोले.. प्रभु इसमें मेरी क्या बिसात... आपके नाम की मुंदरी ने पार लगवा दिया।
प्रभु मुद्रिका मेल मुख माही...
भगवान बोले, अच्छा हनुमान चलो मेरी नाम की मुंदरी ने उस पार लगाया फिर जब तुम लौटे तब तो मुंदरी जानकी को दे आए थे फिर लौटते में किसने पार लगाया?
इस पर हनुमान जी बोले, प्रभु आपकी कृपा ने (मुंदरी) ने उस पार किया और माता सीता की कृपा (चूड़ामणि) ने इस पार किया।
भगवान ने मुस्कराते हुए पूछा, और लंका कैसे जली ?
हनुमान जी बोले...👇
लंका को जलाया.. आपके प्रताप ने...।
लंका को जलाया रावण के पाप ने...।
लंका को जलाया मां जानकी के श्राप ने...।
भगवान ने मुस्कराते हुए घोषणा की...
हे हनुमान... तुमने यश छोड़ा है... इसलिए न जाने तुम्हारा यश कौन-कौन गाएगा..।।
नासे रोग हरे सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बलबीरा।।
👏🌺 श्री राम जय राम जय जय राम।🌺 👏