अत्यंत दुर्भगायपूर्ण हैं की भारत में लगभग 40% गद्दा₹ ऐसे हैं जो अपना आप को राष्ट्रवादी या राष्ट्रप्रेमी तो बोलते होंगे लेकिन वोट देने नहीं जाते और सोचते हैं की एक वोट से क्या फरक पड़ता है। कोई विदेशों से नौकरी छोड़ वोट देने भारत आ जाता है , कोई अस्पताल से एंबुलेंस में वोट देने आता है तो कोई हाथ ना होने से कारण पैर से वोट देता है, लेकिन लगभग 40% लोग ऐसे हैं जो वोट नहीं देते फिर भी अपने आप को राष्ट्रप्रेमी समझते हैं
वोट को केवल अधिकार मानने वाले सच्चे राष्ट्रभक्त नहीं हो सकते, सच्चे राष्ट्रभक्त वही हैं जो वोट को राष्ट्र के प्रति अपना परम कर्तव्य मानते हैं और हर हाल में वोट देते हैं ताकि देश की सत्ता सही हाथों में जाय और देश हर चुनौतियों से लड़ते हुए आगे बढ़े, मजबूत बने। पहले चरण से लेकर द्वितीय चरण में भी 60% ही मतदान हुवा जो शर्मनाक है।
वोट देने के बाद हमारी उंगली पर निशान हमारे लिए एक सम्मान चिन्ह होता है।