सुप्रीम कोर्ट 19 मार्च को सीएए पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ पीठ का हिस्सा हैं। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग मुख्य मामले में प्राथमिक याचिकाकर्ता है जिसने आरोप लगाया कि सीएए धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। वैसे इसके बाद मुस्लिम पर्सनल बोर्ड पर भी याचिका हिंदू संगठनों को जरूर डालनी चाहिये
कपिल सिब्बल ने कहा, ''इस कानून के तहत एक बार नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू हो जाए तो इसे पलटा नहीं जा सकता। सरकार ने चुनाव से कुछ दिन पहले नियमों को अधिसूचित किया। कृपया ठहरने के लिए हमारे आवेदन सुनें"
ओवैसी यह सुनिश्चित करेंगे कि सीएए को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध बनाया जाए। वह मामले में पक्षकार बन जाता है और तर्क को अल्पसंख्यक और समानता के अधिकार की ओर मोड़ देगा।
उस तर्क को पहले ही 2019 के मामलों में खारिज कर दिया गया था जब सीएए पर रंजन गोगोई की पीठ ने सुनवाई की थी और डीवाईसी मौजूद थे।