बाबाजी ने माफी मांगकर भले ही कुछ लोगों के हिसाब से गलत किया हो और कुछ लोग जो इस मामले को ठीक से नही समझते और कुछ जो स्वभाव से ही बाबाजी से घृणा करते हैं वो उन्हें गलत बताएंगे ही, अलग अलग आरोप लगाएंगे, माफीवीर बोलेंगे लेकिन बाबाजी ने ये माफी मजबूरी में मांगी, कानूनी मजबूरी "ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज अधिनियम 1954" बेचारे क्या करते , कैसे लड़ते इस सिस्टम से? वो कहते हैं ना "सरकार किसी की भी सिस्टम हमारा होगा" #पतंजलि
1954 का ये कानून इतना गजब बनाया है कांग्रेस ने की आयुर्वेद का एक तरह से दमन कर दिया गया। कुछ बीमारियां चिन्हित कर दी गई जिनके इलाज का अब दावा तक नहीं किया जा सकता भले ही आयुर्वेद उनका इलाज करने में सक्षम ही क्यों न हो।
अंग्रेज कुछ ऐसे कानून बनाते थे जिनके तहत गुलाम देश के नागरिक अंग्रेजी सत्ता के विरुद्ध कुछ नहीं बोल सकते , कुछ नहीं कर सकते। लेकिन गुलामी के बाद इस आजाद भारत में भी कुछ कानून हैं या बनाए गए जो ...🤫
क्या एलोपैथी के पास मिर्गी, CANCER जैसी बीमारियों का इलाज है? अब इन बीमारियों का इलाज एलोपैथी के पास नहीं है तो आयुर्वेद भी इसका दावा 1954 के act के कारण नहीं कर सकती लेकिन यदि इनके इलाज का दावा कर दिया तो वो कानून के अनुशार अपराध...
कितने लोगों को ICU में लेटाकर पैसा लूटा जाता है कोई बता सकता है? कितने लोगों के खूब चेकअप कराए जाते हैं लेकिन कोई बिमारी पकड़ नहीं आती तो जो मर्जी दवाइयां दी जाती हैं वो भी उन कंपनियों की जो सबसे ज्यादा गिफ्ट देती है या विदेशी यात्रा की सौगात देती हैं।
एलोपैथी माफिया शब्द ऐसे ही थोड़ी पैदा हुवा है। बाबा रामदेव को अभी लंबी लड़ाई लड़नी है ऐसे में माफी मांगकर इस जाल से निकलने का ये प्रयास एक अच्छा कदम है लेकिन बाबाजी ऐसे ये सिस्टम आपको छोड़ेगा नहि.
कुछ लोगों का कहना है बाबा सलवार वीर के बाद माफिवीर बने, तो वो समझ लें की सलवार वीर बनने के बाद बाबा जी आज कहां है और अब माफीवर बनकर कहा पहुंच जाएंगे... इसलिए खुशियां मनाओ मूर्खों बाबा जी ने तब भी सही निर्णय लिया था और अब भी उनका निर्णय सही हो सिद्ध होगा #Patanjali