सभ्यता... शांति का पाठ करने से नहीं बचती है... हिंदुओं पर ये टिप्पणी विल डूरंट ने की थी
अमेरिका में पैदा हुए 20वीं शताब्दी के महानतम विद्वान विल डूरंट ने 1935 में एक किताब प्रकाशित की... जिसका नाम था... ‘The Complete Story of Civilization’
विल डूरंट को दुनिया का महानतम इतिहासकार इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने पूरी दुनिया के इतिहास को मानव सभ्यता की शुरुआत से (लेकर उस समय तक) लिखा था।
विल डूरंट की ये किताब “सभ्यताओं का संपूर्ण इतिहास” कई खंडों में प्रकाशित हुई थी।
इसी किताब में उन्होंने भारत के इतिहास का भी जिक्र किया है... इस किताब में भारत पर लिखे एक चैप्टर का नाम है... The Moslem Conquest.
उस चैप्टर की पहली लाइन है... The Moammedan Conquest Of India is probably the bloodiest story in History.
इसका अर्थ हुआ... भारत पर मुसलमानों की विजय... दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा रक्तपात है।
यहां नोट करने वाली बात ये भी है कि ये टिप्पणी उस इतिहासकार ने की है जिसने पूरी दुनिया का इतिहास पढ़ा था।
विल डूरंट ने कहा कि भारत की तबाही के ज़िम्मेदार वो धर्म हैं जिन्होंने भारत में अहिंसा को प्रमोट किया।
विल डूरंट ने भारत में मुहम्मद गौरी की लूट पर टिप्पणी करते हुए लिखा कि भारतीय सभ्यता इतनी समृद्ध थी कि मुहम्मद गौरी लूटा हुआ बहुत सारा माल भारत में छोड़कर जाने पर मजबूर हो जाता था क्योंकि हर बार लूट का सामान ले जाने की व्यवस्था ही कम पड़ जाती थी।
आगे इसी चैप्टर में विल डूरंट ने लिखा है कि सभ्यता बहुत अनमोल चीज होती है और उसकी सुरक्षा सिर्फ शांति का पाठ करने से नहीं होती है।
ये टिप्पणी विश्व के महानतम विद्वानों में से एक विल डूरंट ने साल 1935 में की थी।
इस टिप्पणी को किए हुए भी आज 85 साल बीत चुके हैं। लेकिन क्या हिंदुओं ने इस टिप्पणी से कुछ शिक्षा ली?
क्या अब भी हिंदू शांति का पाठ नहीं कर रहा है?
इस पर ज़रा विचार कीजिए कि आखिर कब तक हम शांति का पाठ करके अपनी महान भारतीय सभ्यता को बर्बाद करते रहेंगे?
और एक बात... जब देवता किसी को दंडित करना चाहते हैं तो उसके पीछे डंडा लेकर नहीं घूमते हैं सिर्फ उसकी बुद्धि हर लेते हैं और उसे महात्मा गांधी जैसे नेता दे देते हैं जो उसे अहिंसा का पाठ पढ़ाता रहे।