VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 09 श्लोक 05
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🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी रात्रि 07:48 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅दिनांक - 03 जनवरी 2024
⛅दिन - बुधवार
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - शिशिर
⛅मास - पौष
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी दोपहर 02:46 तक तत्पश्चात हस्त
⛅योग - शोभन 04 जनवरी प्रातः 06:21 तक
⛅राहु काल - दोपहर 12:44 से 02:05 तक
⛅सूर्योदय - 07:21
⛅सूर्यास्त - 06:07
⛅दिशा शूल - उत्तर
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:35 से 06:28 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:18 से 01:11 तक
⛅व्रत पर्व विवरण -
⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹वृक्षारोपण से होती अक्षय लोक की प्राप्ति व कुल का उद्धार
🔸महाभारत में भीष्म पितामहजी धर्मराज युधिष्ठिर से कहते हैं: 'भरतनंदन ! वृक्ष लगानेवाला पुरुष अपने मरे हुए पूर्वजों और भविष्य में होनेवालीं संतानों का तथा पितृकुल का भी उद्धार कर देता है इसलिए वृक्षों को अवश्य लगाना चाहिए । जो वृक्ष लगाता है उसके लिए ये वृक्ष पुत्ररूप होते हैं इसमें संशय नहीं है । उन्हींके कारण परलोक में जाने पर उसे स्वर्ग तथा अक्षय लोक प्राप्त होते हैं ।'
(अनुशासन पर्व : ५८. २६, २७)
🔹चिंता दूर, आनंद भरपूर🔹
🔸अगर चिंता है, बोझिल जीवन है तो गहरा श्वास लो, मन में ईश्वर-चिंतन करो और फूँक मार के चिंता को बाहर निकाल दो (फूँक मारते समय मन में चिंतन करो कि चिंता को बाहर फेंक रहा हूँ) । ऐसा १० बार करो, आप आनंदित हो जायेंगे ।
🔸घर में सुख-शांति हेतु - पूज्य बापूजी हल्दी की ७ गाँठें और थोड़ा साबुत सादा नमक कटोरी में लेकर घर के कोने में रखो । इससे सुख-शांति होगी । - बापूजी
🔹आलूप्रेमी सावधान ! आलू-सेवन खतरे से खाली नहीं
🔸चरक संहिता में आलू को कंदों में सबसे अधिक अहितकर बताया गया है । आधुनिक शोधकर्ता भी आलू की कई हानियाँ बता रहे हैं । हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार 'तले हुए आलू खाने से चिंता व अवसाद (depres sion) के साथ मोटापा, हृदयरोग, मधुमेह (dia- betes) व तंत्रिका तंत्र (nervous system) संबंधी रोगों का खतरा बढ़ता है ।'
🔸यू.के. की फूड स्टैंडर्ड्स एजेंसी (FSA) ने भी चेताया है कि अधिक पकाये हुए आलू के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है । अमेरिकी मीडिया का कहना है कि 'जो लोग हफ्ते में दो या दो से अधिक बार तले हुए आलू खाते हैं उनकी अकाल मृत्यु का खतरा न खानेवालों की अपेक्षा दुगना हो जाता है ।'
🔹ऐसे बनाया जा रहा है तेजाबी आलू🔹
🔸उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड आदि कई राज्यों से पुराने आलू को नया बनाने की आ रहीं खबरों ने सबको चौंका दिया है । मुनाफाखोर जमीन में गड्ढा बनाकर उसमें पानी भर देते हैं और तेजाब, मिट्टी व गेरुआ रंग मिला देते हैं फिर कोल्ड स्टोर से निकाले पुराने आलू इस मिश्रण में रखते हैं। तेजाब के प्रभाव से पुराने आलू की ऊपरी परत झुलस जाती है और गेरुआ रंग व मिट्टी उन पर चिपक जाती है ।
🔸एक तो आलू प्राकृतिक रूप से ही हानिकारक है, ऊपर से इस प्रकार की मिलावट लोगों के स्वास्थ्य की कब्र खोदने का काम कर रही है । स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधान करते हुए कहा है कि 'तेजाबी आलू न सिर्फ लीवर को बल्कि शरीर के सभी तंत्रों को नुकसान पहुँचाते हैं ।'
🔹सड़े आलुओं का हो रहा है व्यंजनों में उपयोग🔹
🔸आलू से बने व्यंजन, जिन्हें लोग बड़े चाव से खाते हैं, उनकी असलियत बड़ी भयानक देखने को मिल रही है । आलुओं थोक विक्रेताओं के यहाँ से २८५ किलो से अधिक सड़े आलू बरामद किये गये, जिन्हें विशेषरूप से शहर के पानीपूरी विक्रेताओं को कम दाम में बेचा जा रहा था । इसके अलावा देश के विभिन्न भागों से चाट पकौड़े के विक्रेताओं, होटलों आदि द्वारा सड़े आलू खरीदने की घटनाएँ भी आये दिन सामने आती रहती हैं । ऐसे में जरा सोचिये कि बर्गर, चिप्स, आलू टिक्की आदि आलू से बने जिन पदार्थों को इन सबसे अनजान लोग बड़े चाव से खाते हैं वे स्वास्थ्य की दृष्टि से कितने घातक !
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