गीता अध्याय 09 श्लोक 19
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🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी रात्रि 10:06 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅दिनांक - 17 जनवरी 2024
⛅दिन - बुधवार
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - शिशिर
⛅मास - पौष
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - रेवती 18 जनवरी प्रातः 03:33 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅योग - शिव शाम 05 :13 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅राहु काल - दोहर 12:50 से 02:11 तक
⛅सूर्योदय - 07:23
⛅सूर्यास्त - 06:16
⛅दिशा शूल - उत्तर
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:16 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - गुरु गोविंदसिंहजी जयंती (ति. अ)
⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔸वायु की तकलीफ में🔸
🔹वायु की तकलीफ है, जोडों का दर्द है तो १०-१५ तुलसी के पत्ते, १-२ काली मिर्च, १०-१५ ग्राम गाय का घी मिलाकर खाया करें । वायु सम्बन्धी बीमारियों में आराम होगा ।
🔸कलह, धन-हानि व रोग-बाधा से परेशान हों तो...🔸
🔹घर में कलहपूर्ण वातावरण, धन-हानि एवं रोग-बाधा से परेशानी होती हो तो आप अपने घर में मोरपंख कि झाड़ू या मोरपंख पूजा-स्थल में रखें ।
🔹नित्य नियम के बाद मन-ही-मन भगवन्नाम या गुरुमंत्र का जप करते हुए इस पंख या झाड़ू को प्रत्येक कमरे में एवं रोग-पीड़ित के चारों तरफ गोल-गोल घुमाये ।
🔹कुछ देर ‘ॐकार ‘ का कीर्तन करें-करायें । ऐसा करने से समस्त प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है तथा ऊपरी एवं बुरी शक्तियों का प्रभाव भी दूर हो जाता है ।
🔹स्वप्न में देशी गौवंश व गौ-उत्पादों के दर्शन से शुभ फल
🔸स्वप्न में गौओं, उनसे प्राप्त दूध, दही आदि गव्यों तथा प्रसंगों, क्रियाओं के दर्शन से नीचे दिये अनुसार विभिन्न फल प्राप्त होते हैं ।
🔸१] साँड अथवा गौ-दर्शन से कल्याण-लाभ, व्याधि-नाश, कुटुम्ब-वृद्धि होती है । सभी काली वस्तुओं का दर्शन निंद्ध माना जाता है जबकि काली गाय का दर्शन शुभ होता है । गौ के थन को चूसना भी श्रेष्ठ माना गया है ।
🔸२] गौ का घर में ब्याना, बैल या साँड की सवारी करना, तालाब के बीच में घी-मिश्रित खीर का भोजन उत्तम माना गया है । घी सहित खर का भोजन तो राज्यप्राप्ति का सूचक माना गया है ।
🔸३] स्वप्न में ताजे दुहे हुए फेनसहित दुग्ध का पान करनेवाले को अनेक भोगों की तथा दही के दर्शन से प्रसन्नता की प्राप्ति होती है ।
🔸४] जो बैल अथवा साँड से युक्त रथ पर अकेला सवार होता है और उसी अवस्था में जाग जाता है उसे शीघ्र धन मिलता है ।
🔸५] घी मिलने या दही खाने से यश की तथा दही मिलने से धन की प्राप्ति निश्चित है | इसी प्रकार यात्रा आरम्भ करते समय दही और दूध का दिखना शुभ शकुन माना गया है ।
🔸६] दही-भात खाने से कार्यसिद्धि होती है तथा बैल पर चढ़ने से धन-लाभ होता है एवं व्याधि से छुटकारा मिलता है ।
🔸स्वप्न में उपरोक्त अनुसार देशी गोवंश व गाय के दूध-दही आदि के दर्शनमात्र से यदि इतना फल मिल सकता है तो प्रत्यक्ष देशी गाय के दर्शन व सेवा से कितना महान फल मिलता होगा, आप सोच सकते हैं लेकिन जो भी सोचेंगे फल उससे कई-कई गुना अधिक ही होगा ।
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