कांग्रेस की राम द्रोही मानसिकता का एक और नमूना, राम काज करने वालों को किया जा रहा प्रताड़ित
रामलला की मूर्ति के लिए इस्तेमाल होने वाले पत्थर का खनन करने वाला ठेकेदार श्रीनिवास नटराज मुश्किल में फंसता नजर आ रहा है। उस पर "अवैध खनन के लिए 80 हजार ₹ का जुर्माना लगाया गया, दरअसल उस जगह पर एक दलित किसान रामदास से कृषि उद्देश्य के लिए चट्टान हटाने का ठेका मिला था।
इसी पत्थर से अरुण योगिराज ने राम लला की मूर्ति बनाई थी ।
भले ही तकनीकी रूप से खनन अवैध था, कर्नाटक सरकार इसे महान उद्देश्य के लिए अपवाद के रूप में ले सकती थी, लेकिन उसने जुर्माना ठोक दिया । ऊपर से पत्थर के परिवहन (ट्रांपोर्टेशन)में भी कमियां निकालकर और जुर्माना लगाने की तैयारी में है
कुछ न्यूज पोर्टल ने बताया कि नटराज को जुर्माना भरने के लिए घर के आभूषण बेचने पड़े।
बस इसीलिए जब यह कहते हैं ना की राम तो सबके हैं और हम इनका विरोध करते हैं बस इसीलिए क्योंकि यह हर काम राम के विरोध में करते हैं तो फिर इनके राम हुए कैसे
खैर अब राम जी से पंगा लिया है तो राम जी जानेगे अब खुद अपने महल में विराजमान हो गए हैं तो इस मामले को वही देखेंगे अब