एक राजा, चक्रवर्ती सम्राट, त्रैलोक्यविजेता रावण का वध करने के बाद सम्पूर्ण ताप के साथ जब अयोध्या लौटा तो एक एक अवधवासी के साथ मिलता है, अँकवार भेंटता है। अमित रूप प्रकटे तेहिं काला, जथा जोग सब मिले कृपाला। न भूतों न भविष्यतः, ऐसा दृष्टांत विश्व के किसी भी राजा का नही मिलता जो अपनी जनता से जथा जोग मिला हो।
एहि बिधि सबहि सुखी करि रामा । आगे चले सील-गुन-धामा।
ऐसे राजा का उल्लेख कहीं नही मिलता जो एक अपवाद के कारण अपनी प्रियतमा का त्याग कर दे, ऐसे राजा का कहीं उल्लेख नही मिलता जो प्राणप्रिय भाई को वचन पालन में असवाधानी के कारण त्याग दे, ऐसे राजा का कहीं उल्लेख नही मिलता जो वचनपालन हेतु राज पाट त्याग दे।
महाराज दशरथ के युवा पुत्र वन को गए थे तो उनके प्राण गमन कर गए पर भगवान राम के पुत्रों को जन्म से ही वनवास हो गया था, कैसी वज्र की छाती कर ली होगी। ऐसा राजा जिसने अपनी प्रजा पर सब कुछ निछावर कर दिया हो, इतिहास में कहीं नही मिलेगा।
आज वह सौभाग्य हमारी पीढ़ी को मिला है कि हम अपने पुरखे, अपने भगवान, अपने राम के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करें, उनका स्मरण करें, उनके पथ का अनुसरण करें।
जय सियाराम
#राम_आगमन