ये बात किसी से छुपी नहीं है की भारत के लगभग सभी मजहबीयों के पूर्वज हिन्दू हैं उन्हें दुष्ट मजहबी अक्रांताओं ने जबरन अहिंदु बनाया था। इस सच्चाई को स्वीकार कर अनेकों लोग पुनः सनातन हिन्दू धर्म में घर वापसी कर रहे हैं ताकि उनके जीवन का कल्याण हो सके। 27 जनवरी को छत्तीसगढ़ में 1000 लोगों ने मजहब का दामन छोड़ सनातन का भगवा ओढ़ लिया।
ऐसे अनेकों लोग हैं जो चाहते तो हैं की पुनः सनातन धर्म में घर वापसी कर लें लेकिन कट्टरपंथी मानसिकता के भय के कारण वो ऐसा कर नही पाते। लेकिन अब धीरे धीरे वो आगे आ रहे हैं और प्रबल प्रताप जी, धीरेंद्र शास्त्री जी जैसे सनातन योद्धाओं के मार्गदर्शन में सनातन में घर वापसी कर रहे हैं। अधर्म कितना ही शक्तिशाली क्यों ना हो जाए विजय सदैव धर्म की ही होती है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री की हनुमत कथा के अंतिम दिन शनिवार (27 जनवरी 2024) को 1000 लोगों घर वापसी की। इस दौरान जशपुर राजपरिवार के प्रबल प्रताप सिंह जूदेव भी मौजूद थे। जनजातीय समुदाय के बीच बेहद लोकप्रिय भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह धर्मांतरण करने वाले लोगों के पाँव धोकर घर वापसी कराते रहे हैं।
राजधानी रायपुर के कोटा गुढ़ियारी इलाके में इस समय धीरेंद्र शास्त्री की श्री हनुमंत कथा चल रही थी। यह कथा 23 जनवरी से 27 जनवरी 2024 तक चली। कथा के अंतिम दिन 251 परिवार के 1000 धर्मांतरित लोगों ने घर वापसी की। घर वापसी करने वाले लोगों में 2 मुस्लिम परिवार सहित ईसाई धर्म को मानने वाले लोग शामिल हैं।
कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के रहने वाले मोहम्मद अकबर ने भी हिन्दू धर्म में वापसी की। धीरेंद्र शास्त्री ने अकबर का नाम बदलकर सत्यम रखा है। वहीं, रायपुर के चंगोराभाठा में रहने वाले शेख समीम ने भी सनातन धर्म अपनाया है। इस दौरान गरीब परिवारों के 21 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया और उन्हें घर-गृहस्थी का जरूरत का सामान भी दिया गया।
भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने इस लोगों के पैर धोकर इनकी घर वापसी करवाया। इस दौरान हवन-पूजन का भी आयोजन किया गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, घर वापसी करने वाले सभी लोग सगुजां संभाग के रहने वाले हैं। इस दौरान जूदेव ने कहा कि वे सभी लोगों को सनातन में वापस लाएँगे। घर वापसी को उन्होंने राष्ट्र निर्माण का काम बताया।
प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा, इनका धर्मांतरण बहुत ही गलत तरीके से कराया गया था। इनसे झूठ बोलकर और हिंदू देवताओं के बारे में अपमानजनक बातें बोलकर इनका धर्मांतरण कराया गया था।” उन्होंने कहा कि घर वापसी का कार्यक्रम वे लंबे समय से कराते आ रहे हैं। उनके दिवंगत पिता दिलीप सिंह जूदेव भी कराते रहे थे।
जूदेव ने कहा, “मेरा मानना है जहाँ हिंदुओं का धर्मांतरण हुआ है या अल्पमत में आए हैं, वह क्षेत्र भारत से कटता गया। एक समय था जब अफगानिस्तान से लेकर इंडोनेशिया तक सारे हिंदू ही थे। हिंदुओं का धर्मांतरण हुआ और वे क्षेत्र भारत से अलग हो गए। जहाँ हिंदू घटा है, वहाँ देश बँटा है।” उन्होंने मंच से छत्तीसगढ़ में 101 मंदिर बनवाने की भी शपथ ली।
वहीं, कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वे किसी धर्म के विरोधी नहीं हैं और ना ही वे धर्मांतरण में यकीन रखते हैं, लेकिन बहला-फुसलाकर धर्मांतरित कराए गए लोगों की घर वापसी में उन्हें विश्वास है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने घर वापसी की है, वे हनुमान जी की मर्जी से आए हैं। उन्होंने प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के प्रयासों की भी जमकर सराहना की