कांव कांव तो सभी ने किया, लेकिन मदद के लिए कोई नहीं आया। अगर आप में लड़ने की हिम्मत नहीं, तो संख्या में भारी हो के भी कोई फायदा नहीं, विचार करें.........? ये वर्तमान हिंदू समाज की एक कड़वी सच्चाई है जो बदलनी चाहिए
इस मैसेज का भावार्थ गहरा है संपूर्ण संघ या संगठन के लिए इस बात को समझना अत्यंत आवश्यक है।