#मृत्युभोज रीति या विधि? मृत्युभोज सही या गलत? मृत्युभोज होना चाहिए या नहीं?
उपरोक्त सवालों के जवाब देने के लिए मृत्युभोज को समझना आवश्यक है लेकिन दुर्भागु की कांग्रेस, कुटिल रामपाल , वामपंथी तो ठीक अनेकों हिंदू भी अज्ञानतावश मृत्युभोज की शास्त्र विधि को रीति बोलकर उसका विरोध कर रहे हैं। यदि आप धर्मद्रोह के इस पाप से बचना चाहते हैं सुनिए ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य जी से और निर्णय लीजिए की क्या करना है और क्या नहीं?
👉शास्त्रों के अनुशार 11 वें दिन महापात्र को, 12 वें दिन 13 ब्राह्मणों को भोजन कराने का प्रावधान है और यही मृत्युभोज हैं
🤷🏻♂️इसके अलावा जो सबको भोजन कराया जाता है 13 वे दिन वो लोकाचार है वो मृत्युभोज का हिस्सा नहीं और ना ही अनिवार्य है
👉मृत्युभोज को बदनाम ना किया जाय। कांग्रेस और कपटी, कुटिल रामपाल के गुर्गे हो काफी हैं इस परंपरा के विरुद्ध जहर उगलते के लिए🙏
हमारे हर परंपराओं हर रीति-रिवाज हर क्यों हारों को इसी प्रकार विकृत करने का प्रयास लगातार चल रहा है और उसके बाद विकृतियों को दूर करने के बजाय उसे परंपरा रीति-रिवाज त्यौहार को ही प्रतिबंधित करने की साजिश होती है। आज मृत्यु भोज पर पाबंदी लग रही है कल को विवाह संस्कार पर भी पाबंदी लगेगी और धीरे-धीरे हमारे सभी 16 संस्कारों को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। फिर चिल्लाते रहना जय सत्य सनातन......