लो भाई कुछ सबसे अकल्पनीय होने जा रहा है जिसे आज से कुछ वर्ष पहले तक कोई सोच भी नहीं सकता था लेकिन जिसकी हमारे संतों ने बहुत पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी।
खबर उस जगह से है जहां मुस्लिम मजहब की सबसे पहले स्थापना हुई थी। जी हाँ, सऊदी अरब जहां मक्का और मदीना है और जहां दुनियाभर के मुसलमान हज और उमरा करने जाते हैं।
खबर ये है कि सऊदी अरब के क्राऊन प्रिंस मुहम्मद बिन सुल्तान जिन्हें दुनिया MBS कह कर बुलाती है उनका मानना है कि इस्लाम अरब की मूल संस्कृति नही है। अरब की मूल संस्कृति मे जो तीन देवियां थीं जिन्हें अल लात, अल उजरा और मन्नत कहा जाता था और जिनकी मूर्तियां को तोड़ा गया था उनकी पुनर्स्थापना होनी चाहिए। अभी का जो वहाबी इस्लाम है वो मुस्लिम ब्रदरहुड आंदोलन के कारण है, हमे अपने मूल संस्कृति की ओर लौटना है। उनका कहना है कि हमे हमारी देवियां वापस चाहिए।
सिर्फ मुहम्मद बिन सुल्तान MBS ही नही आम जनता भी अब अपनी पुरानी संस्कृति को जानने के लिए बहुत उत्सुक है। यही कारण है कि जिन म्यूजियमों मे इन देवियों की प्रतिमा है उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है।
MBS की ये सोच इस्लाम के मूल सिद्धांत के विपरीत है क्योंकि इस्लाम एकेश्वरवाद और मूर्तिपूजा का विरोध करता है। अरब की स्तिथि दिलचस्प होने जा रही है, देखिए ऊंट किस करवट बैठता है।दिलचस्प बात ये कि है सभी देवियाँ सिंह पर सवार है
जय जय सनातन 🚩🚩🚩
साभार
जय सनातन 🚩🚩🚩
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