दलित हित चिंतक बनने वाले लोग और संगठन तभी आगे आते हैं जब मामला दलित - सवर्ण के बीच का हो क्योंकि यहां हिंदुओं को आपस में लड़ने का एजेंडा सफल होता है लेकिन जब किसी दलित पर किसी मुस्लिम द्वारा प्रताड़ना की जाती है उसे जान से मारने की कोशिश भी कर दी जाती है तब भी कथित दलित हित चिंतक लोग और संगठन खामोश हो जाते हैं। घटना लखनऊ की जहां दलित बंधु को मुसलमान ने मारा पीटा जाति सूचक शब्दों से संबोधित किया और चाकू मारने का प्रयास भी किया..
बस सही अवसर की प्रतीक्षा होती है फिर काफिरों पर हमला कर दिया जाता है चाहे वह दलित हो या सवर्ण उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। छोटे बच्चों के बीच की लड़ाई में एक दलित पर जानलेवा हमला मुसलमान द्वारा कर दिया जाता है। मुस्लिम बाहुली इलाकों में हिंदुओं की क्या स्थिति है वह तो उनसे ही समझी जा सकती है। और कोई फर्क नहीं पड़ता चाहे वह दलित हो या सवार लेकिन वह काफिर है तो उसकी स्थिति अच्छी नहीं होगी।
मामला लखनऊ के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र का है। यहाँ बाड़ी बालागंज निवासी अनुसूचित जाति के आकाश कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में आकाश ने कहा कि उनके परिवार और जीशान के घर के बच्चों के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई थी। इस झगड़े को बातचीत के जरिए सुलझा लिया गया था। आकाश का कहना है कि वह घटना के दिन दोपहर लगभग 3:30 पर अम्बेडकर तालाब के पास खड़ा था।
शिकायत में आकाश ने आगे बताया कि इसी दौरान वहाँ जीशान, अबूजर और नासिर अपने कुछ साथियों के साथ पहुँच गए। आरोपितों ने उससे झगड़ा करना शुरू कर दिया। इसी बीच आकाश अपने घर की तरफ आ गया। तभी जीशान ने कहा, “सा$ तुम सब चमा$ को जान से मार देंगे।” जीशान के ललकारते ही उसके बाकी साथी आकाश पर टूट पड़े। उन्होंने लात-घूँसों से आकाश को बुरी तरह से पीटा।
जब आकाश ने आत्मरक्षा का प्रयास किया तब अबूजर और नासिर ने अपने पास छिपाकर लाए गए चाकू को निकाल लिया और उसे घोंपने का प्रयास किया। जीशान ने एक बार फिर से अपने साथियों को आकाश की हत्या के लिए ललकारा। इस घटना में आकाश को गंभीर चोटें आई हैं। इस शिकायत पर पुलिस ने जीशान, नासिर और अबूजर को नामजद करते हुए कुछ अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज की है।
ऑपइंडिया के पास FIR की कॉपी मौजूद है। इन सभी आरोपितों पर IPC की धारा 147, 323, 504 और 506 के अलावा SC/ST एक्ट के सेक्शन 3(1)(द) व 3(1)(ध) के तहत केस दर्ज हुआ है। ऑपइंडिया से बात करते हुए SHO ठाकुरगंज ने बताया कि आरोपितों का धारा 151 के तहत चालान किया गया है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि मामले की जाँच ACP सुनील कुमार शर्मा कर रहे हैं।
हम मुस्लिम बहुल इलाके के निवासी
ऑपइंडिया ने इस मामले में पीड़ित आकाश से बात की। आकाश ने बताया कि उनके घर के चारों तरफ मुस्लिमों की आबादी और वहाँ हिन्दू काफी कम संख्या में हैं। उनका आरोप है कि इस प्रकार की घटना पहली बार नहीं है, बल्कि आए दिन उन्हें मुस्लिमों की ओर से परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बकौल आकाश, घटना के दिन उनके परिवार के एक छोटे बच्चे के सिर में भी काफी चोटें आईं थीं। आकाश का कहना है कि अगर घटना के दिन उनका हाथ समय से न बीच में आया होता तो हमलावरों की चाकू उनके पेट में घुस जाती। आकाश ने उम्मीद जताई है कि उनकी शिकायत पर पुलिस आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
नेता सलीम बना रहा सुलह का दबाव
आकाश ने हमें आगे बताया कि सलीम नाम के इलाके का स्थानीय नेता उन्हें के बार-बार केस वापस लेने के लिए बोल रहा है। आकाश जिस जगह का निवासी है, वहीं से सलीम पार्षद का चुनाव लड़ता है। आकाश ने हमसे कहा कि उन्होंने सलीम को ये कहते हुए केस वापसी से मना कर दिया कि अगर उस दिन उनकी जान चली गई होती तो कैसा समझौता होता