VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 7 श्लोक 21
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प्रशासक समिति ✊🚩
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी रात्रि 09:01 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅दिनांक - 23 नवम्बर 2023
⛅दिन - गुरुवार
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - हेमंत
⛅मास - कार्तिक
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - उत्तरभाद्रपद रात्रि 05:16 तक तत्पश्चात रेवती
⛅योग - वज्र सुबह 11:54 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅राहु काल - दोपहर 01:48 से 03:10 तक
⛅सूर्योदय - 06:58
⛅सूर्यास्त - 05:54
⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:14 से 06:06 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:52 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - देवउठी-प्रबोधिनी एकादशी, कपूर आरती, चतुर्मास समाप्त, भीष्मपंचक व्रत प्रारम्भ, पंढरपुर यात्रा
⛅विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹देवउठी-प्रबोधिनी एकादशी - 23 नवम्बर 2023
🌹 देवउठी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को इस मंत्र से उठाना चाहिए
उतिष्ठ-उतिष्ठ गोविन्द, उतिष्ठ गरुड़ध्वज l
उतिष्ठ कमलकांत, त्रैलोक्यं मंगलम कुरु l l
🔸 अकाल-मृत्यु से बचने हेतु आरती🔸
🔹देवउठी एकादशी के दिन संध्या के समय कपूर से भगवान की आरती करने से आजीवन अकाल-मृत्यु से रक्षा होती है, एक्सीडेंट, आदि उत्पातों से रक्षा होती है l
🔸भीष्म पंचक व्रत (23 से 27 नवम्बर)🔸
🌹भीष्म पंचक व्रत में क्या करना चाहिए ?
🌹 इन पाँच दिनों में अन्न का त्याग करें । कंदमूल, फल, दूध अथवा हविष्य (विहित सात्त्विक आहार जो यज्ञ के दिनों में किया जाता है) लें ।
🌹 पंचगव्य (गाय का दूध, दही, घी, गोझरण व गोबर-रस का मिश्रण) का सेवन लाभदायी है ।
🌹पानी में थोड़ा-सा गोझरण डालकर स्नान करें तो वह रोग-दोषनाशक तथा पापनाशक माना जाता है ।
🌹 ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए ।
🌹जो नीचे लिखे मंत्र से भीष्मजी के लिए अर्घ्यदान करता है, वह मोक्ष का भागी होता है :
वैयाघ्रपदगोत्राय सांकृतप्रवराय च ।
अपुत्राय ददाम्येतदुदकं भीष्मवर्मणे ।।
वसूनामवताराय शन्तनोरात्मजाय च ।
अर्घ्यं ददामि भीष्माय आजन्मब्रह्मचारिणे ।।
🌹‘जिनका व्याघ्रपद गोत्र और सांकृत प्रवर है, उन पुत्ररहित भीष्मवर्मा को मैं यह जल देता हूँ । वसुओं के अवतार, शान्तनु के पुत्र, आजन्म ब्रह्मचारी भीष्म को मैं अर्घ्य देता हूँ ।’
(स्कंद पुराण, वैष्णव खंड, कार्तिक माहात्म्य)
🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹
🌹1.एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
🌹2. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।
🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।
🌹4. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।
🌹5. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।
🌹6. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।
🌹7. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।
🌹8. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।
🌹09. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।
🌹10. इस दिन बाल नहीं कटायें ।
🌹11. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।
🌹12. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।
🌹13. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।
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