VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 7 श्लोक 16
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🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी सुबह 09:18 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅दिनांक - 18 नवम्बर 2023
⛅दिन - शनिवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - हेमंत
⛅मास - कार्तिक
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - ऊत्तराषाढ़ा रात्रि 12:07 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅योग - गण्ड रात्रि 02:18 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅राहु काल - सुबह 09:40 से 11:02 तक
⛅सूर्योदय - 06:55
⛅सूर्यास्त - 05:55
⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:11 से 06:03 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:51 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - लाभपंचमी
⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹लाभ पञ्चमी पूजा मुहूर्त🌹
🔸लाभ पञ्चमी शनिवार, नवम्बर 18, 2023 को पूजा मुहूर्त सुबह - 06:55 से 10:35 तक ।
🌹 वास्तविक लाभ पाने का दिन लाभपंचमी : 18 नवम्बर 2023
🌹 कार्तिक शुक्ल पंचमी ‘लाभपंचमी' कहलाती है । इसे ‘सौभाग्य पंचमी' भी कहते हैं । जैन लोग इसको ‘ज्ञान पंचमी' कहते हैं । व्यापारी लोग अपने धंधे का मुहूर्त आदि लाभपंचमी को ही करते हैं । लाभपंचमी के दिन धर्मसम्मत जो भी धंधा शुरू किया जाता है उसमें बहुत-बहुत बरकत आती है । यह सब तो ठीक है लेकिन संतों-महापुरुषों के मार्गदर्शन-अनुसार चलने का निश्चय करके भगवद्भक्ति के प्रभाव से काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार इन पाँचों विकारों के प्रभाव को खत्म करने का दिन है लाभपंचमी ।
🔹 लाभपंचमी के पाँच बातें अपने जीवन में लायें
१. अपने जीवन में कर्म अच्छे करना ।
२. आहार शुद्ध करना ।
३. मन को थोड़ा नियंत्रित करना कि इतनी देर जप में, ध्यान में बैठना है तो बैठना है, इतने मिनट मौन रहना है तो रहना है ।
४. शत्रु और मित्र के भय का प्रसंग आये तो सतत जागृत रहना । मित्र नाराज न हो जाय, शत्रु ऐसा तो नहीं कर देगा इस भय को तुरंत हटा दो ।
५. सत्य और असत्य के बीच के भेद को दृढ़ करो । शरीर मिथ्या है । शरीर सत् भी नहीं, असत् भी नहीं । असत् कभी नहीं होता और सत् कभी नहीं मिटता, मिथ्या हो-होके मिट जाता है । शरीर मिथ्या है, मैं आत्मा सत्य हूँ । सुख-दुःख, मान-अपमान, रोग आरोग्य सब मिथ्या है लेकिन आत्मा परमात्मा सत्य है । लाभपंचमी के दिन इसे समझकर सावधान हो जाना चाहिए ।
🔹पाँच कर्मदोषों से बचना चाहिए🔹
१. नासमझीपूर्वक कर्म करने से बचें, ठीक से समझकर फिर काम करें ।
२. अभिमानपूर्वक कर्म करने से बचें ।
३. रागपूर्वक अपने को कहीं फँसायें नहीं, किसीसे संबंध जोड़ें नहीं ।
४. द्वेषपूर्ण बर्ताव करने से बचें ।
५. भयभीत होकर कार्य करने से बचें। इन पाँच दोषों से रहित तुम्हारे कर्म भी लाभपंचमी को पंचामृत हो जायेंगे ।
🔹पाँच काम करने में कभी देर नहीं करनी चाहिए ।🔹
🔹१. धर्म का कार्य करने में कभी देर मत करना ।
🔹२. सत्पात्र मिल जाय तो दान-पुण्य करने में देर नहीं करना ।
🔹३. सच्चे संत के सत्संग, सेवा आदि में देर मत करना ।
🔹४. सत्शास्त्रों का पठन, मनन, चिंतन तथा उसके अनुरूप आचरण करने में देर मत करना ।
🔹५. भय हो तो भय को मिटाने में देर मत करना । निर्भय नारायण का चिंतन करना और भय जिस कारण से होता है उस कारण को हटाना । यदि शत्रु सामने आ गया है, मृत्यु का भय है अथवा शत्रु जानलेवा कुछ करता है तो उससे बचने में अथवा उस पर वार करने में भय न करना । यह 'स्कंद पुराण' में लिखा है । तो विकार, चिंता, पाप-विचार ये सब भी शत्रु हैं, इनको किनारे लगाने में देर नहीं करनी चाहिए ।
🌹रविवारी सप्तमी : 19 नवम्बर 2023🌹
🌹पुण्यकाल : 19 नवम्बर सुबह 07:23 से 20 नवम्बर प्रातः 05:21 तक
🌹इस दिन किया गया जप-ध्यान का लाख गुना फल होता है ।
🌹रविवार सप्तमी के दिन अगर कोई नमक मिर्च बिना का भोजन करे और सूर्य भगवान की पूजा करे, तो घातक बीमारियाँ दूर हो सकती हैं ।
🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹
🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)
🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)
🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹
🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है l
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