VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 7 श्लोक 15
🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸
📢👉प्रशासक समिति द्वारा तैयार किए गए शुद्ध, सात्विक और स्वदेशी प्रोडक्ट देखने और मंगाने हेतु क्लिक करें
हमारी ये पहल आपको कैसी लगी कमेंट में अवस्य बताएं। और यदि ये पहल आपको अच्छी लगी तो हमारा सहयोग कर इस पहल को सफल बनाएं। (हिंदू राष्ट्र भारत के महायज्ञ में छोटिसी आहुति..)
🔥जेहाद मुक्त ,शुद्ध, सात्विक, स्वदेशी, गौ सेवा और गौ संरक्षण के पुण्य के साथ "गौ उत्पाद एवं अन्य" देखें👇 "एकात्मिता गौमय प्रोडक्ट" कैटलॉग
📢फ्री शिपिंग के लिए Min ऑर्डर Rs 200
🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸
*🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५*
*🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०*
*⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी सुबह 11:03 तक तत्पश्चात पंचमी*
*⛅दिनांक - 17 नवम्बर 2023*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - कार्तिक*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा रात्रि 01:17 तक तत्पश्चात ऊत्तराषाढ़ा*
*⛅योग - धृति सुबह 07:37 तक तत्पश्चात शूल*
*⛅राहु काल - सुबह 11:02 से 12:24 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:54*
*⛅सूर्यास्त - 05:55*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:10 से 06:02 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:51 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - विष्णुपदी-बृश्चिक संक्रांति*
*⛅विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹विष्णुपदी संक्रांति : 17 नवम्बर 2023🌹*
*🔸(पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर १२-२४ तक) (इसमें किये गये ध्यान, जप व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है । - पद्म पुराण)*
*🔹नवयौवन देनेवाली पुनर्नवा🔹*
*🔸यह शरीर को, विशेषकर दृष्टि को नया करती की है इसलिए इसको 'पुनर्नवा' कहते हैं । इसे हिन्दी में गदहपूरना या पुनर्नवा, मराठी में घेटुली, गुजराती में लाल साटोड़ी कहते हैं ।*
*🔸यह कोशिकाओं में संचित सूक्ष्म मल तथा दोषों को मूत्र के द्वारा बाहर निकालकर सम्पूर्ण शरीर की शुद्धि करती है, जिससे गुर्दे (kidneys), यकृत, हृदय आदि सभी अंग-प्रत्यंगों की कार्यशीलता व मजबूती बढ़ती है तथा युवावस्था दीर्घकाल तक बनी रहती है । यह बड़ी उम्र में कष्टदायी अनेक रोगों, जैसे मधुमेह (diabetes), हृदयरोग, श्वासरोग (दमा), खाँसी आदि से रक्षा करती है ।*
*🔸आचार्य वाग्भटजी ने भी कहा है: 'जीर्णोऽपि भूयः सः पुनर्नवः स्यात् ।' अर्थात् चाहे कैसा भी वृद्ध मनुष्य हो, इसके विधिवत् सेवन से वह पुनः नवयुवक सदृश बनता है ।*
*🔸आधुनिक शोधों के अनुसार पुनर्नवा पोषक तत्त्वों का एक अच्छा स्रोत है। इसमें अमीनो एसिड, कैल्शियम, विटामिन 'सी', 'बी २', 'बी ३' पाये जाते हैं । यह कैंसर, मधुमेह, तनाव आदि में लाभदायक है ।*
*🔸पुनर्नवा उत्तम विषनाशक भी है । यह विरुद्ध आहार व अंग्रेजी दवाओं के अतिशय सेवन से शरीर में संचित हुए विषैले द्रव्यों का निष्कासन रोगों से रक्षा करती है । पाचकाग्नि को बढ़ाती है । इसके पेशाब खुलकर लानेवाले एवं सूजन पुणे कम करनेवाले गुणों के कारण यह सूजन, पेट में फेफड़ों में पानी भरना, पेशाब कम आना, गुर्दों पथरी आदि में बहुत ही लाभदायी औषधि है । रक्ताल्पता, संधिवात, आमवात और अजीर्ण में यह लाभकारी है ।*
*🔸पत्तों की सब्जी : मूँग की दाल मिला के इसकी रसदार सब्जी बनती है, जो शरीर की सूजन, मूत्ररोगों (विशेषकर मूत्राल्पता), हृदयरोगों, दमा, शरीरदर्द, मंदाग्नि, खून की कमी, यकृत के रोग तथा इन रोगों से रक्षा करने में फायदेमंद है ।*
*🔸नेत्रज्योति बढ़ाने हेतु विशेष प्रयोग पुनर्नवा की जड़ व पत्तों के ५-१० मि.ली. छने हुए रस में १ चम्मच मिश्री मिलाकर सुबह खाली पेट १ मास तक सेवन करें । इससे नेत्रज्योति खूब बढ़ती है एवं शरीर में स्फूर्ति आती है ।*
*🔸रसायन-प्रयोग: आयुर्वेद के आचार्यों ने पुनर्नवा को रसायन (tonic) कहा है । इसके सेवन से दीर्घायुष्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है । इससे जठराग्नि की वृद्धि होती है और शरीर का पोषण होता है । यह बल व शक्ति प्रदान करनेवाला है ।*
*🔸(१) पुनर्नवा के ताजे पत्तों के ५-१० मि.ली. रस में एक चुटकी काली मिर्च व थोड़ा-सा शहद मिलाकर लें ।*
*🔸(२) २-२ ग्राम पुनर्नवा चूर्ण या २-२ पुनर्नवा मूल (टेबलेट) सुबह-शाम दूध के साथ एक वर्ष तक लेने से शरीर में नयी कोशिकाओं का निर्माण होता है ।*
*🔸इसकी सावधानी है जरूरी🔸*
*🔸स्नान के बाद गीले वस्त्रों को झटकते हैं तो उनमें से जो जल उड़ता है वह शरीर में लगने से पुण्य नाश होता है । इसलिए गीले वस्त्रों का जल शरीर को न लगे इसकी सावधानी रखनी चाहिए ।*
🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️