दीपोत्सव पर्व श्रंखला की सभी सनातन धर्मावलंबियों को हार्दिक शुभकामनाएं
पांच त्योहारों का यह महापर्व जो अंधेरे को हटाकर प्रकाश फैलाने का संदेश देता है इसकी शुरुआत कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी से होती है जिसे धनतेरस के रूप में मनाया जाता है और इस श्रंखला का पांचवा पर्व होता है भाई दूज जो कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीय को मनाया जाता है
प्रथम पर्व धनतेरस कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
द्वितीय पर्व नरक चतुर्दशी जिसे रूप चौदस भी कहा जाता है कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी
तृतीय मुख्य पर्व दीपावली जो कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या को मनाया जाता है
तत्पश्चात गोवर्धन पूजा जिसे अन्नकूट भी कहते हैं कार्तिक शुक्ल पक्ष एकम को धूमधाम से मनाई जाती है और
पांचवा पर भाई दूज जो कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को मनाया जाता है
सभी पर्वों का अपना-अपना महत्व है परंतु यह पांचों पर दीपोत्सव के रूप में मनाए जाते हैं जिनका सार यही है कि अज्ञान रूपी अंधकार, अधर्म रूपी अंधकार को ज्ञान तथा धर्म के प्रकाश से दूर करना और इस संसार को, मन को ,आत्मा को प्रकाशमान करना
धर्म और सत्य की रक्षा के लिए अधर्म का नाश करना अत्यंत आवश्यक है यदि ऐसा नहीं होता तो भगवान श्री कृष्ण को किसी भी असुर के वध की आवश्यकता ना होती और ना ही महाभारत अथवा रामायण जैसे महा भयानक युद्ध की कोई आवश्यकता पड़ती
परंतु यह पूर्ण सत्य है और इसे मानना होगा कि यदि हमें सत्य और धर्म को स्थापित करना है तो असत्य और अधर्म का नाश करना ही पड़ेगा
असत्य और अधर्म को फैलाने वाला जितना बड़ा दोषी है उतना ही बड़ा दोषी वो भी है जो इस अधर्म और असत्य के विरुद्ध देख कर भी कुछ नहीं कहता कुछ नहीं करता
आइए हम सब मिलकर दीपोत्सव के इस पावन पर्व पर संकल्प लें कि अब अधर्म को सहन नहीं किया जाएगा धर्म पर होते अपमान को अब सहन नहीं करेंगे और अधर्म का पूरी शक्ति के साथ पूरी निष्ठा के साथ विरोध करेंगे, धर्म की रक्षा में अपना हरसम्भव सहयोग देकर अपने कर्तव्य का पालन करेंगे
एक बार फिर सभी सनातनी धर्माएलम्बियों को दीपोत्सव के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
आप कोई वीडियो कैसा लगा कमेंट में अवश्य बताएं पसंद आए तो लाइक करें और अधिक से अधिक शेयर कर हमारा धर्म जागरण में सहयोग करें समिति के यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना ना भूले
जय श्री राम