एक दुर्लभ विडियो जिस में पूजनीय डा० हेडगे्वार जी अपने जीवन काल का अतिंम उदबोदन दे रहे हैं। आज ऐसे कुछ लोग मिल जाएंगे जो कहते हैं को कभी हम भी संघ में "थे" हम पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकते हैं की ये वही लोग हैं जो पूर्णतः निस्वार्थ भाव से परमार्थ की इच्छा से समर्पण की सोच से संघ में जुड़ ही नहीं पाए।
जो व्यक्ति पूर्णता है निस्वार्थ भाव से केवल देश और धर्म की सेवा के लिए किसी संगठन से जुड़ता है उसे संगठन से कुछ भी पानी की आशा नहीं होती बल्कि वह सदैव उसे संगठन को और देश तथा धर्म को देने की ही सोच अपने मन में बना कर आगे चलता रहता है और ऐसे अनेकों योगी आरएसएस में आज भी है