समुद्र मंथन से लक्ष्मीजी भी प्रकट हुईं थीं और कामधेनु गाय भी। वह तिथि कार्तिक अमावस्या थी, जिस दिन #दीवाली मनाई जाती है।
भागवत जी के अनुसार सागर मंथन से कामधेनु गोमाता का प्राकट्य प्रातःकाल हुआ और लक्ष्मी माता का सन्ध्या काल में। इस हिसाब से गोमाता लक्ष्मीजी की भी अग्रजा हैं। भारत में अभी भी यह परंपरा जीवित है कि #दीपावली के दिन प्रेमपूर्वक गोपूजन अवश्य किया जाता है।
लेकिन जिनको सच में लक्ष्मीजी की कृपा चाहिए उनको दीवाली की सुबह गौशाला में सपरिवार जाकर गोपूजन, गो परिक्रमा और गोसेवा अवश्य करनी चाहिए।
#शुभकामनाएं #दीवाली #धनतेरस #दीपावली #छोटी_दीपावली 🥰🥀