इलाहाबाद HC का Unexpected लेकिन #ऐतिहासिक फैसला.!!
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि सप्तपदी के बिना हिंदुओं में शादी मान्य नहीं है। ये हिंदुओं के विवाह की सबसे महत्वपूर्ण शर्त है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 3 अक्टूबर 2023 को ये फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर शादी में सारी प्रक्रिया पूरी कर दी जाए और अग्नि के फेरे ना लिए जाएँ तो वह विवाह संपन्न नहीं माना जाएगा।
हाईकोर्ट ने हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 7 का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि एक हिंदू विवाह को तभी वैध माना जाएगा यदि वह ‘शादी के सभी रीति-रिवाजों के साथ’ संपन्न हुआ हो।
… #सप्तपदी- ( सीरियल और सिमेना वाला सात फेरे और इसका अंतर समझ लीजिएगा ) और अन्य हिंदू रीति-रिवाजों के बिना हिंदू विवाह मान्य नहीं . ये उन wokes लोगों के लिए बहुत बड़ा झटका है .!!
#note - कहीं सप्तपदी को ७ फेरों से जोड़ दिया गया जो लोकाचार बन गया। वर और वधू वैवाहिक जीवन के नियमों के प्रण सात पदों या श्लोकों में लेते हैं इसलिए पूरे संस्कार को सप्तपदी कहते हैं !! संक्षेप में कह सकते हैं कि सप्तपदी में ७ आश्वासन हैं जो वर-वधू परस्पर देते हैं .!!
अग्नि की प्रदक्षिणाएँ ४ ही होती हैं जो धर्म,अर्थ, काम, मोक्ष चार पुरुषार्थों की प्रतीक हैं। वैदिक नियमों के अनुसार विवाह में चार फेरों का विधान है । पहले तीन फेरों में वधू आगे चलती है (धर्म,अर्थ, काम, में वधु की प्रधानता होती है) और चौथे फेरे में (मोक्ष) वधु को व का अनुसरण करना होता है।
कहीं-कहीं लोकाचार और कुलाचार के कारण सात फेरे होते हैं, परंतु शास्त्र आचार्य के अनुसार 4 ही फेरे होते हैं। साथ तो वचन होते हैं जिन्हें सप्तपदी कहा जाता है।
"यतः सतां सन्नतगात्रि संगतं
मनीषिभि: साप्तपदीनमुच्यते।।"
"प्रत्वामुंचामि वरुणस्य पाशात्", तुम्हें #वरुण के पाश से सदा के लिए मुक्त करता हूँ। पश्चात वर वधु को लेकर विजयपूर्वक #अपराजित दिशा (उत्तर पूर्व) मे सात कदम चलता है।
- आश्वलायन #गृह्यसूत्र
#वैदिक_कर्मकांडों में आए इस संस्कृतिक कुकृति का श्रेय फिल्मों और एकता कपूर टाइप सीरियलों को जाता है .!!
- सादर प्रणाम