ये तो रही पते की बात, अब इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात ये हैं की खरीददारी उनसे ही करें जो हमारे धर्म का सम्मान और पालन करते हों, जिनके लिए हमारे भगवान , हमारा धर्म हराम न हो, जो भारत माता को जय और बंदे मातरम से परहेज न करते हों..समझ रहे हैं ना? त्योंहार हमारा, खरीददारी भी हमारे अपनों से .. भले ही पैसे ज्यादा ही क्यों ना देने पड़े जायेंगे तो अपनों के पास ही, आतंक या जेहाद का पोषण तो नहीं होगा
सारा मोलभाव गरीबों से ही क्यों? बड़े बड़े मॉल,दुकानों में तो लुटाकर आते हो
October 27, 2023
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अधिकतर लोगों को मोलभाव की आदत होती है और होनी भी चाहिए लेकिन लोग मोलभाव केवल गरीबों, ठेले वालों से करे और बड़े बड़े शॉपिंग मॉल, काफी शॉप, होटल, रेस्टोरेंट पर कई गुना पैसा उड़ाकर आएं क्या ही उचित है? ठीक है आप खूब कमाते हैं तो खर्च भी करते हैं लेकिन क्या छोटे दुकानदारों, ठेलेवालों, त्योंहारों पर रंग, दीपक आदि बेचने वालों से गलत तरीके से बात कर उन्हें दबाना क्या उचित हैं? 👇देखिए वीडियो और विचार जरूर करें