VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय ५ कर्मसन्यास योग श्लोक 29
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🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या सुबह 07:09 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅दिनांक - 15 सितम्बर 2023
⛅दिन - शुक्रवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - शरद
⛅मास - भाद्रपद
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी पूर्णरात्रि तक
⛅योग - शुभ 16 सितम्बर प्रातः 03:42 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅राहु काल - सुबह 11:03 से 12:35 तक
⛅सूर्योदय - 06:26
⛅सूर्यास्त - 06:44
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:39 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:12 से 12:58 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - अमावस्या
⛅विशेष - अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38/34)
🔹अमावस्या🔹
🔸15 सितम्बर सुबह 07:09 तक अमावस्या ।
🔸उदयातिथि के अनुसार 15 सितम्बर को भी अमावस्या के सावधानी नियम मान्य है ।
🔹अमावस्या विशेष🔹
🌹1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है ।
(स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)
🌹2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)
🔹स्वास्थ्य व पर्यावरण सुरक्षा का अमोघ उपाय – गाय का घी
🔹देशी गाय का घी शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास एवं रोग-निवारण के साथ पर्यावरण-शुद्धि का एक महत्त्वपूर्ण साधन है ।
🔸इसके सेवन से –
👉 १) बल, वीर्य व आयुष्य बढ़ता है, पित्त शांत होता है ।
👉 २) स्त्री एवं पुरुष संबंधी अनेक समस्याएँ भी दूर हो जाती है ।
👉 ३) अम्लपित्त (एसिडिटी) व कब्जियत मिटती है ।
👉 ४) एक गिलास दूध में एक चम्मच गोघृत और मिश्री मिलाकर पीने से शारीरिक, मानसिक व दिमागी कमजोरी दूर होती है ।
👉 ५) युवावस्था दीर्घकाल तक रहती है । काली गाय के घी से वृद्ध व्यक्ति भी युवा समान हो जाता है ।
👉 ६) गर्भवती माँ घी – सेवन करे तो गर्भस्थ शिशु बलवान, पुष्ट और बुद्धिमान बनता है ।
👉 ७) गाय के घी का सेवन ह्रदय को मजबूत बनता है । यह कोलेस्ट्रोल को नहीं बढ़ाता । दही को मथनी से मथकर बनाये गये मक्खन से बना घी ह्रदयरोगों में भी लाभदायी है ।
👉 ८) देशी गाय के घी में कैंसर से लड़ने व उसकी रोकथाम की आश्चर्यजनक क्षमता है ।
🔹ध्यान दें : घी के अति सेवन से अजीर्ण होता है । प्रतिदिन १० से १५ ग्राम घी पर्याप्त है ।
🔹नाक में घी डालने से –
👉 १) मानसिक शांति व मस्तिष्क को शांति मिलती है ।
👉 २) स्मरणशक्ति व नेत्रज्योति बढ़ती है ।
👉 ३) आधासीसी (माइग्रेन) में राहत मिलती है ।
👉 ४) नाक की खुश्की मिटती है ।
👉 ५) बाल झड़ना व सफ़ेद होना बंद होकर नये बाल आने लगते हैं ।
👉 ६) शाम को दोनों नथुनों में २ – २ बूंद गाय का घी डालने तथा रात को नाभि व पैर के तलुओं में गोघृत लगाकर सोने से गहरी नींद आती है ।
🔹मात्रा : ४ से ८ बूंद
🔹गोघृत से करें वातावरण शुद्ध व पवित्र🔹
👉 १) अग्नि में गाय के घी की आहुति देने से उसका धुआँ जहाँ तक फैलता है, वहाँ तक का सारा वातावरण प्रदुषण और आण्विक विकिरणों से मुक्त हो जाता है । मात्र १ चम्मच गोघृत की आहुति देने से एक टन प्राणवायु (ऑक्सीजन) बनती है, जो अन्य किसी भी उपाय से संभव नहीं है ।
👉 २) गोघृत और चावल की आहुति देने से कई महत्त्वपूर्ण गैसे जैसे –इथिलिन ऑक्साइड, प्रोपिलिन ऑक्साइड, फॉर्मलडीहाइड आदि उत्पन्न होती है । इथिलिन ऑक्साइड गैस आजकल सबसे अधिक प्रयुक्त होनेवाली जीवाणुरोधक गैस है, जो शल्य – चित्किसा (ऑपरेशन) से लेकर जीवनरक्षक औषधियाँ बनाने तक में उपयोगी है ।
👉 ३) मनुष्य-शरीर में पहुँचे रेडियोधर्मी विकिरणों का दुष्प्रभाव नष्ट करने की असीम क्षमता गोघृत में है ।
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