यह राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, उदय निधि स्टालिन, आदित्य ठाकरे, अखिलेश यादव, अभिषेक बैनर्जी, हेमंत सोरेन, अरुण राजभर, अरविंद राजभर, आकाश आनंद, जयंत चौधरी, सुखबीर सिंह बादल
यह सब पारिवारिक प्राइवेट लिमिटेड के नए वारीस हैं यह सब अपनी दुकानदारी को तेज बढ़ाने के लिए हिंदू विरोध का सहारा ले रहे हैं इनसे सावधान रहिए इनहोने जिंदगी में कुछ नहीं किया है एक खास परिवार में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं और कोई जातिवाद तो कोई क्षेत्रवाद तो कोई हिंदू धर्म को गाली देकर तो कोई ब्राह्मणों को नष्ट करके अपनी अपनी राजनीतिक दुकान चल रहा है इन पारिवारिक वारीसो से सावधान रहिए
इन सब की सोच यही है कि बाप के बाद या मां के बाद गद्दी पर सेठ का लड़का या सेठानी का लड़का ही बैठेगा बाकी सारे कार्यकर्ता दरी चादर बिछाने के लिए हैं इनका जूता चप्पल साफ करने के लिए है
इनमें से अपने दम पर किसी ने भी राजनीति स्थापित नहीं की है सब अपने परिवार के सहारे आगे बढ़ रहे हैं जैसे इस देश में लोकतंत्र नहीं उनके परिवार का राजतंत्र हो
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