पिछले कुछ समय से सनातन विरोधी INDI एलायंस के कुछ नेताओं द्वारा सनातन को लेकर बेहद ही आपत्तिजनक बयान दिए जा रहे हैं जिसका विरोध चारों तरफ हो रहा है लेकिन यह दुष्परवृत्ति के लोग अपने एजेंडे को बे रोक टोक आगे बढ़ा रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण ये हैं की देश का कानून प्रशासन भी इन्हें रोकने में पूरी तरह फैल हो गया। अब साधु संत और हिंदू संगठन इस मामले में सड़कों पर उतर आए हैं।
साधु संतों और अन्य सनातनियों ने सोमवार को दिल्ली में प्रदर्शन किया, उदय निधि स्टालिन का पुतला फूंका और अन्य सनातन विरोधी नेताओं के विरुद्ध नारे भी लगाए। दिल्ली में यह प्रदर्शन दिल्ली संत महामंडल के बैनर तले संपन्न हुआ। आखिर कब तक सनातनी अपने धर्म के विरुद्ध अपमानजनक बातें सुनते रहेंगे? सभी सनातनियों को इन सनातन द्रोहियों का यथासंभव विरोध अवश्य करना चाहिए ताकि इन विरोधियों को इनकी औकात पता चले बाकी तो चुनाव में इन सनातन द्रोहियों को अपनी असली औकात का पता चल ही जाएगी।सरोजिनी नगर के एक मंदिर से तमिलनाडु भवन की ओर मार्च किया। पुलिस ने उन्हें अफ्रीका एवेन्यू पर रोक दिया। इसके बाद उन्होंने उदयनिधि और अन्य के पुतले फूँके। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जोरदार नारेबाजी की।
राज्य सरकारों की चुप्पी पर उठाए सवाल
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुखों को अपने नेताओं को ‘सनातन धर्म‘ के खिलाफ बयान जारी करने से रोकना चाहिए। उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन से अपने बेटे के बयानों के लिए माफी की माँग की। दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष नारायण गिरि महाराज ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि राज्य सरकारें इस मुद्दे पर चुप हैं।
नारायण गिरि महाराज ने कहा, “अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी सनातन धर्म के खिलाफ राजनेताओं के नफरत भरे भाषण का संज्ञान ले लिया है। सनातन धर्म के खिलाफ राजनेताओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करती है और ऐसे राजनीतिक नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
बता दें कि तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि ने हाल ही में सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से किया था। इसे सामाजिक न्याय के खिलाफ बताते हुए इसके उन्मूलन का आह्वान किया था।
उदयनिधि स्टालिन ने अपने बयान पर माफी माँगने से इनकार करते हुए कहा था कि वे अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने सफाई देते हुए कहा था, “मैंने केवल इतना कहा था कि हमें सनातन धर्म के सिद्धांतों का विरोध करना चाहिए। मैं फिर से कह रहा हूँ कि हमें ऐसे सिद्धांतों को मिटा देना चाहिए। लेकिन यह हास्यास्पद है कि कुछ लोगों ने मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर यह कह दिया कि मैंने नरसंहार करने की बात कही थी।”
उदयनिधि स्टालिन ने कहा था, “तमिलनाडु में ऐसे लोग हैं जो कहते हैं कि द्रविड़वाद को खत्म कर देना चाहिए। क्या इसका मतलब यह है कि वे सभी डीएमके कार्यकर्ताओं को मारना चाहते हैं?”