सरकार ख़ालिस्तान आंदोलन को जड़ से समाप्त करने की दृष्टि से बड़ी बैठक बुलाने जा रही है।
इस बैठक में ख़ुफ़िया एजेंसी RAW की टीम, ED की टीम, NIA की टीम के साथ ही साथ सभी प्रभावित 06 राज्यों के ATS की टीम भी रहेगी। विदेश मंत्रालय से कनाडा मामलों के जानकारों को भी बुलाया गया है। इस बैठक को स्वयं प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री लीड करेंगे।
सरकार की मनसा स्पष्ट है कि अब इस आंदोलन को और आगे नहीं बढ़ने दिया जा सकता है। कनाडा में एक के बाद एक खलिस्तानियों को समाप्त करने के बाद, अमेरिका में बैठे गुरुपतवंत पन्नू के संपत्तियों को ज़ब्त करने की भी कार्यवायी हो रही है।
ख़ालिस्तान समर्थकों का ओवरसीज़ कार्ड भी रद्द करने की कार्यवायी शुरू हो चुकी है। इसके अन्तर्गत सबसे महत्व की बात यह है कि यदि परिवार का कोई व्यक्ति अपने किसी उस रिश्तेदार की संपत्ति को होल्ड करना चाहता है जिसने भारत की नागरिकता छोड़ रखी है, तो उसे केवल इतना भर साबित करना है कि उसका अमुक रिश्तेदार ख़ालिस्तान से संबंधित गतिविधि में लिप्त है।
यह बैठक खलिस्तान आंदोलन के संदर्भ में एक बड़ा माइलस्टोन साबित होने वाला है।