"नेपाल की भाजपा ?NJP - नेपाल जनता पार्टी से मिलें,
भारत के भाजपा के आदर्शों की गूंज करने वाली बढ़ती ताकत! 'लोटस' का प्रतीक भाजपा द्वारा समर्थित सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को दर्शाता है।
स्थानीय चुनावों में 17 सीटों के साथ सुर्खियों में कदम रखते हुए, एनजेपी की आकांक्षाएं राष्ट्रीय स्तर पर फैली हुई हैं। सांस्कृतिक रिश्तेदारी और भाषाई बंधन जो नेपाल और भारत को बांधते हैं। एनजेपी की निगाहें नेपाल की संसद में आधी से अधिक सीटों पर टिकी हुई हैं, उनकी महत्वाकांक्षा 81% हिंदू आबादी से जुड़ी हुई है। - बहुमत की आवाज बनने का लक्ष्य, एनजेपी को समृद्ध धार्मिक टेपेस्ट्री में प्रेरणा मिलती है जो नेपाल का प्रतीक है।
नेपाल की भाजपा को बहुत बहुत हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं 🙏🚩
नई दिल्ली के दौरे पर आए एनजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष खेमनाथ आचार्य का दावा है कि 81 प्रतिशत से ज्यादा हिंदू आबादी वाले नेपाल के अगले आम चुनाव के लिए पार्टी की बड़ी तैयारी है। 275 सीटों वाली नेपाली संसद (प्रतिनिधि सभा) में आधे से अधिक सीटों पर फोकस करके काम किया जा रहा है। महीने भर पहले काठमांडू में पार्टी का केंद्रीय कार्यालय खोला गया है।
वहीं, बिहार से सटे भैरवा में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सदस्यता अभियान को तेज किया गया है और ढाई महीने में पार्टी ने 40 हजार से अधिक नए लोगों को जोड़ा गया है। खेमनाथ की पृष्ठभूमि आरएसएस से जुड़ी है। भारत में सक्रिय रह चुके हैं।
कहते हैं कि अयोध्या में राममंदिर आंदोलन एवं भगवान राम की मूर्ति बनाने के लिए गंडकी नदी से पत्थर लाने के बाद से नेपाल में उनके प्रति आम जन का समर्थन बढ़ने लगा है।
सितंबर 2015 में नेपाल की प्रतिनिधि सभा ने अपना नया संविधान बनाया था और हिंदू राष्ट्र के खत्म होने एवं धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनने की विधिवत घोषणा की थी, किंतु हिंदुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए एनजेपी भविष्य की तलाश में जुटी है। वर्ष 2021 की जनगणना के अनुसार नेपाल की 81.19 प्रतिशत आबादी हिंदू है। बौद्ध दूसरे नंबर पर 8.2 प्रतिशत हैं। इस्लाम 5.09 प्रतिशत के साथ तीसरा बड़ा धर्म है।
पिछले एक दशक के दौरान नेपाल में हिंदुओं और बौद्धों की संख्या में कमी आई है, जबकि मुस्लिमों एवं ईसाइयों की संख्या बढ़ी है। एनजेपी को इसमें भी संभावना नजर आ रही है। खेमनाथ का तर्क है कि तुष्टीकरण की नीति एवं पहाड़ी एवं तराई क्षेत्रों के लोगों के बीच खाई बढ़ाकर वर्तमान सरकार देश के माहौल को बिगाड़ रही है। यही कारण है कि सबका जनाधार धीरे-धीरे खिसक रहा है।