GEETA VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय ४ ज्ञानकर्म सन्यास योग श्लोक 32
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आज का पंचांग
बुधवार ०९/०८/२०२३
श्रावण कृष्ण नवमी , युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी 10 अगस्त प्रातः 04:11 तक तत्पश्चात दशमी
⛅दिनांक - 09 अगस्त 2023
⛅दिन - बुधवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - वर्षा
⛅मास - अधिक श्रावण
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅नक्षत्र - कृतिका रात्रि 02:29 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅योग - वृद्धि दोपहर 03:41 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅राहु काल - दोपहर 12:45 से 02:23 तक
⛅सूर्योदय - 06:13
⛅सूर्यास्त - 07:17
⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:46 से 05:30 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:07 तक
⛅व्रत पर्व विवरण -
⛅विशेष - नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹धन व विद्या प्रदायक मंत्र🔹
🔸श्रीहरि भगवान सदाशिव से कहते हैं : “हे रूद्र ! भगवान श्री गणेश का यह मंत्र ‘ॐ गं गणपतये नम: ।’ धन और विद्या प्रदान करनेवाला है । १०० बार इसका जप करनेवाला प्राणी अन्य लोगों का प्रिय बन जाता है ।” (गरुड़ पुराण, आचार कांड, अध्याय:१८५ )
वह अन्य लोगों का प्रिय तो होगा किंतु ईश्वर का प्रिय होने के लिए जपे तो कितना अच्छा !
🌹 संकटनाशक मंत्रराज 🌹
🌹 नृसिंह भगवान का स्मरण करने से महान संकट की निवृत्ति होती है । जब कोई भयानक आपत्ति से घिरा हो या बड़े अनिष्ट की आशंका हो तो भगवान नृसिंह के इस मंत्र का अधिकाधिक जप करना चाहिए :
ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम् |
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम् ||
🌹 सत्संग में आता है कि “इस विशिष्ट मंत्र के जप और उच्चारण से संकंट कि निवृत्ति होती है |”
🔹दुग्धसेवन संबंधी महत्त्वपूर्ण बातें🔹
🔹क्या करें ? (✔️)
(१) रात्रि को दूध पीना पथ्य ( हितकर), अनेक दोषों का शामक एवं नेत्रहितकर होता है ।
(२) पीपरामूल, काली मिर्च, सोंठ इनमें से एक या अधिक द्रव्य दूध के साथ लेने से वह सुपाच्य हो जाता है तथा इन द्रव्यों के औषधीय गुणों का भी लाभ प्राप्त होता है ।
(३) उबले हुए गर्म दूध का सेवन वात-कफशामक तथा औटाकर शीतल किया हुआ दूध पित्तशामक होता है ।
(४) देशी गाय के दूध में देशी घी मिला के पीने से मेधाशक्ति बढ़ती है ।
🔹क्या न करें (❌)
(१) फल, तुलसी, अदरक, लहसुन, खट्टे एवं नमकयुक्त पदार्थों के साथ दूध का सेवन नहीं करना चाहिए ।
(२) नया बुखार, मंदाग्नि, कृमिरोग, त्वचारोग, दस्त, कफ के रोग आदि में दूध का सेवन न करें ।
(३) दूध को ज्यादा उबालने से वह पचने में भारी हो जाता है ।
(४) बासी, खट्टा, खराब स्वादवाला, फटा हुआ एवं खटाई पड़ा हुआ दूध भूल के भी नहीं पीना चाहिए ।
🔹पढ़ाई में आशातीत लाभ हेतु🔹
🔸विद्यार्थी अध्ययन-कक्ष में अपने इष्टदेव या गुरुदेव का श्रीविग्रह अथवा स्वस्तिक या ॐकार का चित्र रखें तथा नियमित अध्ययन से पूर्व उसे १०-१५ मिनट अपनी आँखों की सीध में रखकर पलकें गिराये बिना एकटक देखें अर्थात त्राटक करें । इससे पढ़ाई में आशातीत लाभ होता हैं ।
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Super helpful
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