हरियाणा पुलिस ने हाल ही में सुदर्शन न्यूज़ के एडिटर मनोज जी को अरेस्ट किया था तब भी लोगों को लगा कि उनका अपहरण हुवा है और अब जब बिट्टू बजरंगी को उठाया गया तब ही उनके पड़ोसी और घर वाले डरे हुए हैं क्योंकि पोलिस का तरीका विचित्र है। आखिर क्यों हिंदुओं को इस प्रकार अरेस्ट किया जा रहा है?
जब लोग देश को आजादी का जश्न मना रहे हैं तन हरियाणा पुलिस बिट्टू बजरंगी को बिना वर्दी के विचित्र तरीके से दबोच कर ले गई।
इस वीडियो की इस पुलिस की कार्यवाही को आप भी देखेंगे तो चौंक जाएंगे ,क्योंकि इस तरह जब लोग आएंगे तो देखने वाले डर जाएंगे और अफरा तफरी का माहौल निर्माण होगा। क्या ये न्याय संगत , कानूनी तरीका है पुलिस का? 👇
आखिर क्या अपराध है बिट्टू बजरंगी का? और क्या पुलिस ने उन सब पर कार्यवाही को जिन्होंने हिंदुओं के सुनियोजित नरसंहार की रूप रेखा रची थी और उसे क्रियान्वित कर कई हिंदुओं को मौत के घाट उतार दिया?
क्या हरियाणा प्रशासन किसी भी तरह नूंह में हुई अपनी असफलता को छुपाना चाह रहा है? पहले मनोज कुमार और अब बिट्टू बजरंगी को इस तरह से गिरफ्तार करना इसका क्या मतलब है?
बिट्टू बजरंगी के आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों ने मीडिया से बताया कि अचानक ही ढेर सारे पुलिस वाले गली में पहुँचे। कुछ के हाथों में बंदूकें और कुछ ने डंडे ले रखे थे। कुछ पुलिस वाले पड़ोसी के घर में भी घुसने लगे जिसका विरोध हुआ। इस पर पुलिसकर्मी ने पड़ोसी महिला को धक्का देते हुए दूर कर दिया। एक महिला का दावा है कि पुलिस वाले बिट्टू बजरंगी का गिरेबान पकड़ कर अपने साथ ले गए।
बिट्टू के पड़ोसी और परिजन इस बात को ले कर भी चिंतित हैं कि उन्हें साथ ले जाने वाले पुलिसकर्मी ही हैं या कोई और। कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि बट्टू बजरंगी तावडू क्राइम ब्रांच की कस्टडी में हैं।
पड़ोसियों का कहना है कि पुलिस वालों ने अपना पूरा परिचय नहीं दिया। लोगों का कहना है कि उन्हें बिट्टू को ले कर डर है क्योंकि इस बार पुलिस का तरीका अलग था। दावा है कि बिट्टू को हिरासत में लेने पहुँची पुलिस टीम में महिला स्टाफ नहीं थी। एक अन्य पड़ोसी के मुताबिक, घटना से थोड़ी देर पहले बिट्टू बजरंगी ने तिरंगा यात्रा निकाली थी। फ़िलहाल बिट्टू के घर में एक छोटा भाई और उस भाई की पत्नी हैं।
बताते चलें कि नूँह हिंसा के बाद से मुस्लिम पक्ष लगातार बिट्टू बजरंगी और मोनू मानेसर पर कार्रवाई का दबाव बना रहा था। कुछ वीडियो वायरल कर के बिट्टू को मुस्लिमों को उकसाने का आरोपित भी बताया जा रहा है। बिट्टू बजरंगी पर फरीदाबाद पुलिस ने नूँह हिंसा के बाद केस दर्ज किया था जिसमें उन्हें जमानत मिल गई थी।