प्रसिद्ध राम कथावाचक मुरारी बापू जिन्हें कुछ समय पहले लोगों का विरोध सहन करना पड़ा था, क्योंकि वो व्यास पीठ से अली मौला कर रहे थे, अब वही मुरारी बापू, हिंदू धर्म छोड़कर जाने वालों को घर वापसी के संदेश दे रहे हैं....विरोध का फरक तो पड़ता है, इसलिए जो गलत है उसका विरोध जरूर करो
मुरारी बापू ने इंग्लैंड के कैंब्रिज में कहा, “पूरे विश्व में जहाँ भी हिंदू हैं उन्हें राम का नाम लेने में और खुद को हिंदू कहने में झिझक क्यों है?” इसको लेकर महामंडलेश्वर चिदंबरानंद सरस्वती ने उन पर तंज कसा है। मुरारी बापू का वीडियो शेयर करते हुए कहा कि एक विरोध में कितना बदलाव हो गया। वीडियो में मोरारी बापू कहते हैं, “अपना सनातन हिंदू धर्म छोड़कर कहीं और गए हों तो लौट आओ। व्यासपीठ अपने घर आपको बुला रही है।”
ट्विटर पर ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा जो व्यासपीठ पहले अली मौला गा रही थी -जो पूछते थे कि अली मौला गाने वाले मोरारी बापू का विरोध करके क्या मिला,,,उन्हें देखना चाहिए कि एक विरोध से कितना बदलाव हो गया।बताते चलें कि मुरारी बापू अपने अली मौला के कारण सोशल मीडिया पर काफी चर्चित रहे थे। मुरारी बापू ने व्यासपीठ में कहा था, “त्रिपुंडधारियों और बाबाओं को उमर खैय्याम और रूमी पढ़ना चाहिए, तब पता लगेगा बंदगी क्या है!” इसके बाद उन्हें संत समाज का गुस्सा झेलना पड़ा था। विवाद में आने के बाद उन्होंने स्वयं का बचाव करते हुए दूसरे धर्माचार्यों पर ताने मारने और उन्हें अज्ञानी कहने लगे थे।
हालाँकि, अली मौला की बात करने वाले मोरारी बापू अकेले व्यक्ति नहीं हैं जो व्यासपीठ पर बैठते हैं। कथावाचन और भजन गाने वाले कई कथावाचक और कथावाचिकाओं से यूट्यूब भरे हुए हैं, जो उर्दू के शब्दों के साथ शायरी और कौव्वाली के अंदाज में भजन गाते हैं। इनमें एक एक चित्रलेखा शर्मा भी हैं, जो देवी चित्रलेखा के नाम से प्रसिद्ध हैं।