हरियाणा, नूंह में हुए सुनियोजित इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं पर हमले के बाद अब देश भर में कट्टरपंथियों के विरुद्ध आवाज उठा रही है, जगह जगह इनके बहिष्कार की मांग हो रही है, और शायद इसीलिए सिब्बल जी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। लेकिन हिंदुओं ने अपनी और अपनी बहन बेटियों की, अपने धर्म की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एकजुट होकर बहिष्कार का निर्णय लिया है। अकेले हरियाणा के 50 पंचायतों ने 3 जिलों में मुसलमानों की एंट्री पर बैन लगा दिया है
देशभर में जब भी दंगे होते है तो कट्टरपंथी जिहादियों द्वारा देश की संपत्ति को तोड़ा या जलाया जाता है साथ ही सबसे बड़ा नुकसान हिंदुओं को होता है क्योंकि यह देंगे एक प्रकार से सुनियोजित रूप से हिंदुओं को करने और लूटने के खेल होते हैं और यह बात हाल ही में योगी सरकार ने मुजफ्फरपुर नगर दंगों की रिपोर्ट से सिद्ध कर दी है।
अब भले ही प्रशासन मुसलमानों के बहिष्कार को अपराध घोषित करें लेकिन क्या यही प्रशासन इन कट्टरपंथी जिहादियों से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है। यदि नहीं तो फिर क्या हिंदू अपनी सुरक्षा के विकल्प भी ना खोजें? हिंसा से दूर रहना चाहता है हिंदू तो उन्हें हिंसक तत्वों से भी तो दूरी बनानी होगी!
हरियाणा में पिछले दिनों सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद विशेष व्यापारियों को लेकर पंचायतें तरह-तरह के फरमान जारी कर रही हैं. रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और झज्जर की 50 पंचायतें मुस्लिम व्यापारियों के गांवों में प्रवेश पर रोक लगाने का ऐलान कर चुकी हैं. अब महेंद्रगढ़ के अटेली खंड के कई गांवों के सरपंचों ने नारनौल एसडीएम और थाना प्रभारी को पत्र लिखाकर कहा कि नूंह में हिंदुओं पर हुए अत्याचार को देखते हुए अपने-अपने गांव में समुदाय विशेष व शरारती तत्वों को किसी भी तरह का व्यवसाय नहीं करने दिया जाएगा. वहीं इस बारे में एसडीएम ने कहा कि भारत में कोई भी व्यक्ति कहीं पर भी जाकर रह सकता है और व्यापार कर सकता है. ऐसे में अगर सरपंचों ने इस प्रकार के पत्र लिखे हैं तो उनकी जांच करवाई जाएगी.
वहीं पत्र के बारे में सरपंचों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अटेली खंड के कई गांवों में लगातार चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं. पिछले 1 महीने में करीब 45 से ज्यादा चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं. ऐसे में उन्होंने गांव में हो रही चोरी की घटनाएं रोकने के लिए ये पत्र लिखे हैं
गाजियाबाद: मुस्लिम व्यापारियों का बहिष्कार, तीन पर केस
गाजियाबाद के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक नफरत फैलाने के इरादे से विवादित पोस्टर लगाने के मामले में तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. बीते रविवार को सांप्रदायिक नफरत फैलाने के इरादे से नंदग्राम थाना क्षेत्र में प्रमुख स्थानों पर पोस्टर लगाए गए थे, जिसमें मुस्लिम व्यापारियों के बहिष्कार का आह्वान किया गया था. सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद पुलिस ने मामले में तीन युवकों नितिन चौहान, ब्रह्मानंद पुजारी और शेखर पंडित की पहचान की और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
मध्यप्रदेश: अशोकनगर में मुस्लिम व्यापारियों के प्रवेश पर रोक
मध्यप्रदेश में अशोकनगर जिले के एक गांव में लव जिहाद और धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिए ग्रामीणों ने गांव में मुस्लिमों और ईसाईयों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसको लेकर पूरे गांव में पोस्टर भी लगाए गए हैं.
हरियाणा: 50 पंचायतों का मुसलमानों के खिलाफ फरमान
हरियाणा के नूंह जिले में हिंसा बढ़कने के बाद अब रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और झज्जर की 50 से अधिक पंचायतों ने मुस्लिम व्यापारियों के प्रवेश पर रोक लगाने की बात कही गई है. सरपंचों ने इस संबंध में लेटर जारी कर कहा है कि गांवों में रहने वाले मुसलमानों को अपने आईडी दस्तावेज पुलिस को सौंपने होंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वायरल लेटर में कहा गया है कि हमारा इरादा किसी भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं है. वहीं नारनौल के उप विभागीय मजिस्ट्रेट मनोज कुमार का कहना है कि ऐसे लेटर जारी करना कानून के खिलाफ है. हालांकि हमें पंचायतों की ओर से ऐसा कोई भी लेटर नहीं मिला है.
(रिपोर्ट: नवीन यादव)
Right.. 👍
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