आसाम में हेमंता विश्व सरमा जी ने मुस्लिम महिलाओं की भलाई का विचार करते हुए बहु विवाह जैसी प्रथा पर प्रतिबंध की बात की और जनता से सुझाव मांगा, इसपर सपा नेता रफीकुर्रहमान ने उनका विरोध करते हुए बहु विवाह की वकालत की और बहु विवाह को सही ठहराया, बर्क ने कहा है कि एक शादी करना या एक से अधिक शादी करना – ये सब व्यक्ति अपने-अपने धर्म के रीति-रिवाजों के हिसाब से करता है।
हिंदुओं की परंपराओं को तो गलत बताने में दुनिया जुट जाती है लेकिन यदि कोई मझबियों की कोई कुरीति या कुप्रथा में सुधार की बात करें तो ये उस कुरिति /कुप्रथा की वकालत में उतर जाते हैं। हिंदू तो अपनी कुरीतियों का समय समय पर अवलोकन कर खुद उनका विरोध कर उन्हें सुधार लेते हैं लेकिन मुश्लिम नेता, इनके ठेकेदार समाज को सुधरने ही नही देते
शफीकुर्रहमान बर्क ने दावा किया कि इस्लाम में एक से अधिक विवाह करना एक मजहबी कार्य है और कुरान में भी बहुविवाह की अनुमति दी गई है। उन्होंने पूछा कि एक मजहबी मामले को राजनीति में क्यों घसीटा जा रहा है और इससे क्या फायदा होगा? इतना ही नहीं, उन्होंने आगे कहा कि इस देश में सभी धर्मों के लोग रहते हैं, हिन्दू-मुस्लिम और दलित भी हैं, छोटे-बड़े सभी हैं तो उनके धार्मिक कार्यों को राजनीति में क्यों लाया जाए? बता दें कि शफीकुर्रहमान विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं।
‘ABP न्यूज़’ की खबर के अनुसार, इस बार भी उन्होंने कहा है कि बाकी धर्मों के मामले वो धर्म वाले जानें लेकिन इस्लाम के जो मजहबी मामले हैं उनमें हस्तक्षेप करने या उन पर पाबंदी लगाने का इन्हें कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर ये कानून लाएँगे तो हम जवाब देंगे।’ वहीं कॉन्ग्रेस नेता अजीज कुरैशी के भड़काऊ बयान पर उन्होंने कहा कि मुस्लिमों के ऊपर हमेशा जुल्म हुए हैं और उन्हें आज तक इंसाफ नहीं मिला। शफीकुर्रहमान ने ‘चंद्रयान 3’ को लेकर कहा कि वैज्ञानिक APJ अब्दुल कलम ने विज्ञान की रौशनी दूर-दूर तक फैलाई।
याद दिला दें कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मिजोरम के राज्यपाल रह चुके अजीज कुरैशी ने कहा कि कॉन्ग्रेस के दफ्तर में मूर्तियाँ बिठाना और हिंदुत्व की बातें करना डूब मरने वाली बात है। साथ ही उन्होंने ‘गंगा मैया की जय’ नारे को भी आपत्तिजनक करार दिया। उन्होंने घुड़की दी कि अगर ये सब कहने के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी उन्हें निकाल देती है तो निकाल दे। साथ ही उन्होंने भड़काऊ बयान देते हुए कहा कि 22 करोड़ मुस्लिमों ने चूड़ियाँ नहीं पहन रखी हैं, इनमें से 1-2 करोड़ अगर मर भी जाते हैं तो कोई बात नहीं।