मणिपुर के उच्च विभक्त कांड का सबसे बड़ा प्रश्न तो यही था कि आखिर यह वीडियो जब 4 मई को बना तो इतने दिनों बाद इसे वायरल क्यों किया गया और वायरल किसने किया? अब इन सवालों का जवाब आसानी से मिल सकता है क्योंकि सीबीआई नहीं उस व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया है जिसने वह वीडियो बनाया और उसे इंस्ट्रूमेंट को भी जब कर लिया है जिसके द्वारा वह वीडियो बनाया गया था। तभी तो कह रहे हैं कि "अब होगा न्याय"
मणिपुर हिंसा को लेकर 6 FIR दर्ज करने के बाद CBI ने आरोपितों की धर-पकड़ भी शुरू कर दी है और 10 गिरफ्तारियाँ हुई हैं। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों में ये गिरफ्तारियाँ हुई हैं। वीडियो काण्ड मामले में अब CBI मामला दर्ज करेगी।
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई होनी है, लेकिन मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अनुपस्थिति के कारण मामला नहीं सुना जा सका। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि सरकार कार्रवाई करे, वरना हम कुछ एक्शन लेने के लिए मजबूर होंगे। केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में फास्टट्रैक कोर्ट के माध्यम से 6 महीने में आरोपितों को सज़ा दिलाए जाने की बात कही है। इस वारदात के 7 अपराधी अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं, ये भी केंद्र ने बताया था।
केंद्र सरकार ने कहा है कि ये न सिर्फ एक घृणित वारदात है, बल्कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए नजीर पेश की जानी चाहिए। इसीलिए, इस मामले की जाँच CBI को दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि केंद्र सरकार इस मामले में कुकी और मैतेई, दोनों समुदायों के संपर्क में है और शांति बहाली के लिए हर प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष संसद भी नहीं चलने दे रहा है, जिसके बाद अमित शाह ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, दोनों को पत्र लिख कर मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा के लिए सहयोग माँगा था।
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