GEETA VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय ४ ज्ञानकर्म सन्यास योग श्लोक ०१
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आज का पंचांग
सोमवार १०/०७/२०२३
श्रावण कृष्ण ०८, युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅दिनांक - 10 जुलाई 2023
⛅दिन - सोमवार
⛅विक्रम संवत् - 2080
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
🌥️ऋतु - वर्षा
🌥️मास - श्रावण (गुजरात, महाराष्ट्र में आषाढ़)
⛅पक्ष - कृष्ण*m
⛅तिथि - अष्टमी शाम 06:44 तक तत्पश्चात नवमी
⛅नक्षत्र - रेवती शाम 06:59 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅योग - अतिगण्ड दोपहर 12:34 तक तत्पश्चात सुकर्म
⛅राहु काल - सुबह 07:42 से 09:23 तक
⛅सूर्योदय - 06:01
⛅सूर्यास्त - 07:29
⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:37 से 05:19 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:06 तक
⛅व्रत पर्व विवरण -
⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹 कैसा भी बिखरा हुआ जीवन हो, सँवर जायेगा🌹
🔸अगर अशांति मिटानी है तो दोनों नथुनों से श्वास लें और ‘ॐ शान्ति:...... शान्ति:’ जप करें और फिर फूँक मार के अशांति को, बाहर फेंक दें । जब तारे नहीं दिखते हों, चन्द्रमा नहीं दिखता हो और सूरज अभी आनेवाले हों तो वह समय मंत्रसिद्धि योग का है, मनोकामना-सिद्धि योग का है ।
🔸इस काल में किया हुआ यह प्रयोग अशांति को भगाने में बड़ी मदद देगा । अगर निरोगता प्राप्त करनी है तो आरोग्यता के भाव से श्वास भरें और आरोग्य का मंत्र ‘नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बीरा ।।` जपकर के ‘रोग गया’ ऐसा भाव करके फूँक मारें । ऐसा १० बार करें । कैसा भी रोगी, कैसा भी अशांत और कैसा भी बिखरा हुआ जीवन हो, सँवर जायेगा ।
🔹औषधीय गुणों से भरपूर काली मिर्च🔹
🔸काली मिर्च गर्म, रुचिकर, पचने में हलकी, भूखवर्धक, भोजन पचाने में सहायक तथा कफ एवं वायु को दूर करनेवाली है । यह खाँसी, जुकाम, दमा, अजीर्ण, अफरा, पेटदर्द, कृमिरोग, चर्मरोग, आँखों के रोग, पेशाब संबंधी तकलीफों, भूख की कमी, यकृत (liver) के रोग, हृदय की दुर्बलता आदि में लाभदायी है । नेत्रविकारों में सफेद मिर्च का विशेषरूप से उपयोग होता है ।
🔸काली मिर्च के सेवन से मूत्र की मात्रा बढ़ती है । यह घृतयुक्त स्निग्ध पदार्थों को शीघ्र पचाती है । अल्प मात्रा में तीक्ष्ण होने से यह शरीर के समस्त स्रोतों से मल को बाहर कर स्रोत शुद्धि - (शरीर के विभिन्न प्रवाह तंत्रों की शुद्धि) करती है, जिससे मोटापा, मधुमेह (diabetes), हृदय की रक्तवाहिनियों के अवरोध (coronary artery disease) आदि से सुरक्षा होती है । दाँत दर्द या दंतकृमि में इसके चूर्ण से मंजन करना अथवा इसे मुँह में रखकर चूसना लाभदायी है। नाड़ी-दौर्बल्य में लाभदायी है ।
🔹काली मिर्च के औषधीय प्रयोग🔹
🔸(१) मस्तिष्क व नेत्रों के लिए : प्रातः काली मिर्च का १-२ चुटकी चूर्णं शुद्ध घी व मिश्री के साथ सेवन करने से मस्तिष्क शांत रहता है तथा दृष्टि बलवान होती है ।
🔸(२) शरीर पुष्टि हेतु रात्रि के समय १-२ काली मिर्च दूध में उबाल के लेने से शरीर में रस धातु की वृद्धि होकर शेष सभी धातुएँ पुष्ट होती हैं, शरीर का पोषण ठीक प्रकार से होता है ।
🔸(३) दमा व खाँसी में काली मिर्च का ४ चुटकी चूर्ण १ चम्मच मिश्री, आधा चम्मच शहद व १ चम्मच शुद्ध घी के साथ मिला के दिन में दो बार चाटने से सर्दी, छाती दर्दसहित होनेवाले दमे व खाँसी में लाभ होता है तथा फेफड़ों में संचित दूषित कफ निकल जाता है ।
🔸(४) गले के रोग दिन में एक से दो बार काली मिर्च को चूसना या उसके काढ़े से कुल्ला करना लाभदायी है ।
🔸(५) अफरा: काली मिर्च से युक्त संतकृपा चूर्ण २ ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें । अफरे के अलावा यह चूर्ण कब्ज, पेट के कृमि, गैस, बदहजमी, अम्लपित्त (hyperacidity), सर्दी, खाँसी, सिरदर्द आदि को दूर करने तथा स्फूर्ति एवं ताजगी लाने हेतु लाभप्रद है ।
🔹सावधानी: अधिक मात्रा में काली मिर्च के सेवन से पेटदर्द, उलटी, पेशाब में जलन आदि विकार उत्पन्न होते हैं । अतः इसका अल्प मात्रा में सेवन करें ।