बंगाल में लोकतंत्र और संविधान का पूरा ध्यान रखा जा रहा है, किसीको शिकायत का अवसर नहीं दिया जा रहा। पोलिंग बोथ बड़े प्रेम से तोड़े जा रहे है और बैलेट पेपर को भी शांतिपूर्वक ढंग से फाड़ा जा रहा है, इसलिए किसी भी लोकतंत्र और संविधान प्रेमी को कोई समस्या नहीं हो रही।
बंगाल में चुनावी हिंसा कोई नई बात नहीं लेकिन समझ ये नहीं आता की आखिर बंगाल में होती ऐसी हरकतों पर संविधान और लोकतंत्र को खतरा क्यों नहीं होता ? आखिर क्यों माननीय सुप्रीम कोर्ट को ऐसी गंभीर चिंता केस विषय पर भी चिंता नहीं होती और वो कोई एक्शन तो दूर की बात तक नहीं करते..?
क्या है मामला - opindia
पश्चिम बंगाल के त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में आज शनिवार (8 जुलाई 2023) को मतदान जारी है। इस बीच कई इलाकों में बवाल की खबरें आ रही हैं। कहीं पर बैलट लूट लिया गया तो कहीं बूथ पर तोड़फोड़ की गई है। कई जिलों से मारपीट की भी खबरें आ रही हैं। वहीं, मतदान से पहले रात में तीन लोगों की हत्या कर दी गई।
कूचबिहार के सीताई में बाराविटा प्राथमिक विद्यालय के मतदान केंद्र में तोड़फोड़ की गई। भीड़ के रूप में आए उपद्रवियों ने मतपत्रों में आग लगा दी गई। यहाँ पर वोटिंग रुक गई है। केंद्र पर भारी पुलिस फोर्स और केंद्रीय बल तैनात है। हुबली में दो गुटों में मारपीट हो गई।
पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम ब्लॉक 1 के निवासियों चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। उनका कहना है कि यहाँ केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की गई है। यहाँ के मतदाताओं का कहना है कि टीएमसी द्वारा यहाँ बूथ कैप्चरिंग होती रहती है। मृतकों के नाम पर फर्जी वोटिंग होती हैं।
सुबह 7 बजे मतदान शुरू होने से पहले तक यहाँ हिंसा होता रहा। शुक्रवार (7 जुलाई 2023) को तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। वहीं, TMC कार्यकर्ता ने कॉन्ग्रेस-सीपीएम गठबंधन के एक कार्यकर्ता को गोली मारकर घायल कर दिया। घायल ने कहा, “मैं खाना खाकर घर से बाहर जा रहा था तभी टीएमसी के लोगों ने मुझे गोली मार दी। लोगों को वोट देने से रोकने के लिए टीएमसी ऐसा कर रही है।”
हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिला है। वहाँ के कपसडांगा इलाके में टीएमसी कार्यकर्ता बाबर अली की हत्या कर दी गई। बहरामपुर के मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं, मुर्शिदाबाद जिले के रेजीनगर में क्रूड बम विस्फोट में एक टीएमसी कार्यकर्ता की मौत हो गई। जिले के खारग्राम में एक और तृणमूल कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या कर दी गई।
कूच बिहार में टीएमसी बूथ समिति के अध्यक्ष गणेश सरकार की रामपुर में चाकू मारकर हत्या कर दी गई। सरकार को अलीपुरद्वार के एक अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। वहीं, 24 परगना में एक व्यक्ति की कार में लाश मिली है। मुर्शिदाबाद में टीएमसी और कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता भिड़ गए हैं।
उधर हिंसा को देखते हुए राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने एक ‘शांति गृह’ खोला है। यहाँ पर लोग हिंसा से संबंधित अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। वहीं राज्यपाल और राजभवन के अधिकारी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों से मिल रहे हैं और उनकी बातों को सुन रहे हैं।
बताते चलें कि पंचायत चुनाव के घोषणा के बाद से पश्चिम बंगाल में अब तक लगभग 20 लोगों की हत्या की जा चुकी है। बंगाल में जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के लिए मतदान हो रहा है। 22 जिला परिषदों, 9730 पंचायत समितियों और 63,229 ग्राम पंचायतों की लगभग 928 सीटों के लिए प्रतिनिधी चुने जाएँगे।
इस त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 5.67 करोड़ मतदाता अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करेंगे। वहीं, सुरक्षा को देखते हुए इलाकों में स्थानीय पुलिस सहित लगभग 1.50 लाख सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि चुनाव के लिए लगभग 65,000 सक्रिय केंद्रीय बल और 70,000 राज्य पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।