कर्नाटक में छात्रों को इस्लामिक आयतें सुनाने को मजबूर करने पर विवाद। यही चाहते थे ना हिंदुओं? इसी लिए जिताया था कांग्रेस को ताकि आपके बच्चों का अच्छे से ब्रेन वाश हो सके और निकट भविष्य में वो रामानंद सागर की रामायण की तरह प्रणाम करना छोड़कर आदिपुरुष की तरह छाती पर हाथ रखकर प्रणाम करें, और इस्लामिक प्रार्थना कर इस्लाम जैसे "शांतिप्रिय मजहब" की शरण में चले जाएं?
देखिए वीडियो में कैसे आपके बच्चे शांति से आयतें सुन रहे हैं कैसे एक शिक्षिका उन्हें इस्लाम और बकरी ईद के बारे में प्रेम पूर्वक जानकारियां देकर उनके दिमाग में उसे फिट कर रही हैं कैसे स्टेज से छोटी छोटी बच्चियां इस्लाम की जानकारियां दे रही हैं, और कैसे आपके बच्चे उन बातों की स्वीकारोक्ति स्वरूप छाती पर हाथ रख संकल्प ले रहे हैं...
रिपोर्ट्स के अनुशार एक निजी स्कूल में बकरीद समारोह के दौरान छात्रों को कथित रूप से जबरन इस्लामिक आयतेंं सुनाने को मजबूर करने पर हसन जिले में विवाद पैदा हो गया है। चन्नरायपटना शहर के ज्ञानसागर इंटरनेशनल स्कूल में हुई इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं।
घटना की निंदा करते हुए हिंदूवादी कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया. कई लोगों ने हिंदू और ईसाई छात्रों को कुरान की आयतें सुनाने के प्रबंधन के फैसले पर आपत्ति जताई है। हिंदू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इस अवसर पर सैकड़ों बच्चों को कुरान की आयतें सुनाने के लिए कहा गया। वीडियो में एक शिक्षक को भाषण देते हुए भी दिखाया गया है। आरोप था कि छात्रों से नमाज पढ़वाई गई।
विरोध के बाद स्कूल प्रबंधन ने शनिवार को आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा नहीं दोहराई जाएगी। प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने बच्चों को कुरान की आयतें पढ़ने के लिए मजबूर नहीं किया है और 'नमाज' नहीं अदा की गई है। यह सद्भाव और अखंडता बनाने के लिए किया गया था।
प्रबंधन ने कहा, "मुस्लिम समुदाय के केवल तीन बच्चों ने नमाज अदा की, जबकि अन्य आंखें बंद करके बैठे रहे।" शिक्षकों ने दावा किया कि यह कार्यक्रम धार्मिक त्योहारों को मनाने के लिए आयोजित किया गया था। प्रबंधन ने स्पष्ट किया, ''केवल बकरीद ही नहीं, विभिन्न धर्मों के सभी त्योहारों के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।''
हालांकि, हिंदू संगठनों ने इस घटना को लेकर सोमवार को 'बंद' का आह्वान किया है।