सावन का महीना भगवान भोलेनाथ की भक्ति का महीना माना जाता है। शिव के प्रिय महीने सावन का इंतजार उनके भक्तों को सबसे ज्यादा रहता है। यह महीना महादेव को समर्पित है। प्रकृति भी इस मौसम में बहुत खुश रहती है।
मान्यता है कि सावन में अगर किसी को भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद मिल जाए तो उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है। इसी महीने में भक्तों की कांवड़ यात्रा भी शुरु हो जाती है। जिसमें शिव-शंभू के भक्त हाथों में कांवड़ लिए, भगवा वस्त्र पहन कर, हर-हर महादेव और बम भोले के उद्घोष के साथ पैदल हरिद्वार से गंगाजल लाने के लिए निकल पड़ते हैं।
आपको बता दें भक्तगण पदयात्रा करके हरिद्वार से कांवड़ में गंगाजल लेकर आते हैं और अपने आराध्य स्थल के शिवलिंग का जल से अभिषेक करते हैं। इसी वजह से इस यात्रा को कांवड़ यात्रा कहते हैं, जो कि काफी कठिन होती है। मान्यता है कि कांवड़ यात्रा करने वाले भक्तों को अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य मिलता है। इस बार कांवड़ यात्रा की शुरुआत चार जुलाई से हो रही है। इसी दिन से ही सावन की शुरुआत हो रही है।
आपको बता दें कि इस साल ये यात्रा 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलने वाली है। माना जाता है कि कांवड़ के जरिए गंगा जल शिव भगवान को अर्पित करने से भोलेनाथ काफी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को सारे कष्टों से मुक्त कर देते हैं। कांवड़ यात्रा का जिक्र 'वाल्मिकी रामायण' में भी मिलता है। श्रवण कुमार थे पहले कांवड़ यात्री। मालूम हो कि सबसे पहले त्रेता युग में श्रवण कुमार ने 'कांवड़ यात्रा' शुरू की थी और तब से ही 'कांवड़ यात्रा' चली आ रही है। तो वहीं द्वापर युग में इसका जिक्र है। कहा जाता है कि अज्ञातवास के दौरान ही युधिष्ठिर, अर्जुन और भीम ने हरिद्वार से गंगाजल लाकर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए यह यात्रा प्रारंभ की थी।
तिथि और पूजा विधि...
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन महीना इस बार पूरे 2 महीने तक चलेगा और शिव भक्त 2 महीने तक भगवान शिव की अराधना करेंगे। यह सावन 4 जुलाई 2023, मंगलवार से शुरू होगा और 31 अगस्त 2023, गरुवार को समाप्त होगा।
हिंदू धर्म में सावन के महीने का बहुत बड़ा महत्व है। इस मास में भगवान शिव की सबसे ज्यादा पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय है। शिव पुराण के अनुसार शंकर भगवान सावन माह में सोमवार का व्रत करने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। सावन के महीने का शिव भक्तों को हमेशा इतंजार रहता है। लेकिन इस बार का सावन बेहद खास रहने वाला है।
सावन के सोमवार
अधिकमास के कारण साल 2023 के सावन में कुल 8 सावन के सोमवार रहेंगे। सावन के सोमवार की तिथि 10 जुलाई, 17 जुलाई, 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त, 14 अगस्त, 21 अगस्त और 28 अगस्त हैं।
सावन व्रत और शिव पूजा की विधि
सूर्योदय से पहले जागें और स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को स्वच्छ कर वेदी स्थापित करें। शिवलिंग पर दूध चढ़ाकर महादेव के व्रत का संकल्प लें। सुबह-शाम भगवान शिव की प्रार्थना करें। पूजा के लिए तिल के तेल का दीया जलाएं और भगवान शिव को पुष्प अर्पण करें। मंत्रोच्चारण करने के बाद शिव को सुपारी, पंचामृत, नारियल और बेल की पत्तियां चढ़ाएं। व्रत के दौरान सावन व्रत कथा का पाठ अवश्य करें।
महत्व
शास्त्रों में सावन के महीने को बहुत ही पवित्र महीना माना गया है। इस माह में भगवान शिव की पूजा और उनका अभिषेक करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस माह में भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। अगर किसी के जीवन में विवाह संबंधी कोई परेशान आ रही हो तो उसे सोमवार का व्रत और पूजा करने से लाभ मिल सकता है। सोमवार की पूजा हरे, लाल, सफेद, केसरिया, पीला या आसमानी रंग का वस्त्र पहन कर करनी चाहिए।
कहते हैं कि सावन के महीने में जो भी भक्त पूरे विधि-विधान के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करता है तो देवों के देव महादेव अपने भक्त की हर परेशानी को हर लेते हैं और उसके जीवन को खुशियों से भर देते हैं।