जय भीम जय मीम : दलित मुस्लिम एकता को मजबूती प्रदान करने के लिए अजमत आरिफ शाहिद समेत लगभग 6 लोगों ने दो दलित वोटों को पकड़ा उनके मुंह पर कालिख पोती, जमकर पीटा साथ ही उन्हें "मैला भी खिलाया" और जूतों की माला पहना कर पूरे गांव में घुमाकर जुलूस निकाला।
दोनों दलित युवकों पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने मध्य प्रदेश के शिवपुरी नरवर थाना अंतर्गत ग्राम बरखेड़ी में एक युवती के साथ छेड़खानी की, लेकिन यह आरोप पुलिस द्वारा की गई छानबीन में साबित नहीं हुआ और पुलिस ने पीड़ित दलित युवकों की शिकायत पर 7 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर 6 को अरेस्ट कर लिया और साथ वहां भी फरार है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 30 जून 2023 शुक्रवार को बरखेड़ी गांव के कुछ लोगों ने गांव की एक लड़की से छेड़छाड़ का झूठा आरोप दलित युवकों अनुज जाटव व संतोष केवट के ऊपर लगाकर उनके साथ मारपीट की, उनके चेहरे पर कालिख पोत कर और गले में जूते की माला पहनाकर पूरे गांव में उनका जुलूस भी निकाला यहां तक की दलित समुदाय के दोनों युवकों को महिला खाने के लिए भी मजबूर किया गया जिसका वीडियो जमकर वायरल हो रहा है 👇
पुलिस ने दोनों दलित युवकों से पूछताछ की और छानबीन भी की तो उन्हें लड़की के साथ छेड़छाड़ का आरोप गलत लगा क्योंकि जिस समय यह घटना हुई युवती वहां मौजूद ही नहीं थे युवकों की सिर्फ युवती से फोन पर बात हुई थी। इसके बाद पुलिस ने दलित युवकों की शिकायत के आधार पर अजमत खान, वकील खान, आरिफ खान, शाहिद खान, इस्लाम खान, रहीशा बानो, और सायरा बानो के खिलाफ शिकायत दर्ज कर 6 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जबकि सातवां आरोपी फरार है जिसकी तलाश जारी है।
विशेष बात ये है की 30 जून की इस घटना के बाद भी अब तक किसी दलित हित चिंतक बुद्धिजीवी या दलित हित चिंतक संगठन या फिर जय भीम जय भीम का नारा देने वाले ओवैसी साहब ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, और ना ही बड़े-बड़े मीडिया हाउसेस ने इस खबर में कोई दिलचस्पी दिखाई क्योंकि यहां आरोपित मुस्लिम है भले ही पीड़ित दलित है। वहीं यदि आरोपित हिंदू समुदाय से ही होते और सवर्ण होते तो यह मामला भारत में एक बहुत बड़ा ब्लेंडर बन गया होता।
सभी दलित हित चिंतक और जय भीम जय मीम इस नारे के समर्थक केवल दलितों का राजनीतिक प्रयोग करते हैं और जब उनका शोषण विशेष समुदाय द्वारा किया जाता है तो सब बिल्कुल शांत रहते हैं। लेकिन जब मामला दलित और स्वर्ण के बीच हो तो यह सारे अपनी चूड़ियां तोड़ते हुए विधवा विलाप करने दूर-दूर से निकलकर घटनास्थल के आसपास पहुंच जाते हैं।