राजीव गांधी द्वारा की गई एक घिनौनी साजिश जिससे यह पता चलता है कि भोली भाली शक्ल वाला ये मिस्टर क्लीन अंदर से कितना मैला था और इसे सिक्खों से किस हद तक नफरत हो गई थी, कि इसने जानते बुझते सिक्ख भाइयों को कितनी निर्ममता से मौत के मुंह मे आसानी से धकेल दिया।
1985-86 में LTTE यानी लिट्टे आतंकी संगठन ने श्रीलंका को परेशान कर रखा था। तब भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने श्रीलंका को भारत से सैन्य सहायता भेजी थी ।
लगभग पंद्रह हजार भारतीय फौजी श्रीलंका भेजे गये और ये सब के सब सिक्ख थे।
उन सैनिकों को गृहमंत्रालय से सीधा आदेश मिलने की प्रतीक्षा करने को कहा गया और भारत से उन्हें जो राइफल मॅगजीन दी गई उन्हें यहीं पर खाली कर लिया गया था।
केवल कुछ ऑफिसर को लोडेड रिवाल्वर दी गई। साथ ही सख्त आदेश था कि उन्हें किसी भी स्थिति में श्रीलंका की जमीन पर गोली नहीं चलानी है।
जब आतंकी संगठन लिट्टे को पता चला कि भारत से सेना उन पर हमला करने आयी है, तब लिट्टे के आतंकियों ने भारतीय सैनिकों पर गोलियां बरसायी।
बदले में भारतीय सैनिक खाली राइफलों के पीछे खुद का खून बहाने को मजबूर हो गये।
गृहमंत्रालय को लाख कहने पर भी गोली चलाने का आदेश नहीं मिला, न हमारे सैनिकों को गोलियां मिली।
निहत्थे सैनिक तिल तिल कर शहीद होने को मजबूर थे और उस चार महीनों में हमारे 4 हजार से अधिक सैनिक शहीद हुए जो भारत के इतिहास की सबसे घृणात्मक घटना थी।
लिट्टे के आतंकी हमारे सैनिकों को दूर से पहचान लेते थे क्योंकि सब सैनिक सरदार थे और वे पगड़ी पहनते थे। यही कारण था कि वे भीड़ में पहचान लिये जाते थे।
राजीव गांधी ने इंदिरा गांधी की हत्या की घटना का बदला निर्दोष बेकसूर सरदार फौजियों को निहत्था करके लिट्टे के सामने फेंक कर लिया।
राजीव गांधी अंत तक सरदारों से घृणा करते रहे।
ऑपरेशन खत्म करके हमारे जवान जब जहाज से भारतीय समुद्र तट पर वापिस आकर उतरे तो सारे जवान फूट फूट कर रोने लगे थे। उनमें से आधे से ज्यादा वापिस ड्यूटी पर ही नहीं गये। बचे कई जवान विक्षिप्त हो गये थे।
कांग्रेस के पाप अनगिनत है।
सावधान देश वासियों, अभी समय है आपके पास कांग्रेस की गंदी राजनीति का हिसाब चुकता करने का। 🙏🙏
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बकवास
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